स्वर्ग है ये जेल! एक कैदी का खर्च है 93 करोड़ रूपये, ये है खासियत

अब लाजमी है कि आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस जेल में कैदियों को इतनी सुरक्षा क्यों दी जाती है? तो हम आपको बताते हैं ऐसा क्यों?

Update:2023-05-30 04:18 IST

नई दिल्ली: वैसे आमतौर पर जब कभी भी जेल का नाम दिमाग में आता है तो मन में कई तरह के सवाल आने लगते हैं। जैसे वहां की सुरक्षा, कैदियों के खाने-पीने की व्यवस्था और रहन-सहन कैसी होगी। लेकिन क्या आपको पता है दुनिया में एक ऐसी भी जेल है जिसकी सुविधाओं के बारे में जानकर आप भी दंग रह जायेंगे।

ये भी पढ़ें... उंगली पर ऐसी सजा! लड़कियों से किया ये काम, होगी कई सालों की जेल

क्यूबा में एक ऐसी जेल है, जहां सिर्फ एक कैदी पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। यही वजह है कि यह जेल दुनिया की सबसे महंगी जेल मानी जाती है। इस जेल का नाम है ग्वांतानमो बे जेल। इस जेल का ये नाम इसलिए पड़ा, क्योंकि यह ग्वांतानमो खाड़ी के तट पर स्थित है।

40 कैदियों की सुरक्षा में तैनात हैं 1800 सैनिक

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस जेल में 40 कैदी हैं और हर कैदी पर सालाना करीब 93 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस जेल में करीब 1800 सैनिक तैनात हैं। यहां सिर्फ एक कैदी पर करीब 45 सैनिकों की नियुक्ति है। जेल की सुरक्षा में तैनात सैनिकों पर हर साल करीब 3900 करोड़ रुपये खर्च होते हैं।

ये भी पढ़ें... जानिए क्या है ई-सिगरेट, सरकार ने किया बैन, इस्तेमाल पर होगी जेल

अब लाजमी है कि आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस जेल में कैदियों को इतनी सुरक्षा क्यों दी जाती है? तो हम आपको बताते हैं ऐसा क्यों?

रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां कई ऐसे अपराधियों को रखा गया है, जो बेहद ही खतरनाक हैं। 9/11 हमले का मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद भी इसी जेल में बंद है।

जेल में हैं ये सुविधायें

इस जेल में तीन इमारतें, दो खुफिया मुख्यालय और तीन अस्पताल हैं। इसके अलावा यहां वकीलों के लिए भी अलग-अलग कंपाउंड बनाए गए हैं, जहां कैदी उनसे बात कर सकते हैं। यहां स्टाफ कैदियों के लिए चर्च और सिनेमा की भी व्यवस्था की गई है, जबकि अन्य कैदियों के लिए खाने के लिए अलावा जिम और प्ले स्टेशन भी बनाए गए हैं।

ये भी पढ़ें... Narendra Modi Birthday जेल के अन्दर घुस कर ले आये थे कागज : मोदी के कुछ अनसुने किस्से

ऐसे हुआ था इस जेल का निर्माण

पहले ग्वांतानमो बे में अमेरिका का नेवी बेस था, लेकिन बाद में इसे डिटेंशन सेंटर बना दिया गया। अमेरिका के राष्ट्रपति रहे जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने यहां एक कंपाउंड बनवाया, जहां आतंकियों को रखा जाता था। इसे कैंप एक्स-रे नाम दिया गया था।

Tags:    

Similar News