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सावधान: इन 11 लक्षणों को नजर अंदाज किया तो हो सकता है कैंसर

कुछ स्थितियों में कैंसर की कोशिकाएं व्यक्ति के पूरे शरीर में भी फैल सकती हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आज के समय में कैंसर...

Ashiki
Published on: 4 April 2020 7:37 AM GMT
सावधान: इन 11 लक्षणों को नजर अंदाज किया तो हो सकता है कैंसर
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नई दिल्ली: कुछ स्थितियों में कैंसर की कोशिकाएं व्यक्ति के पूरे शरीर में भी फैल सकती हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आज के समय में कैंसर दुनिया की दूसरी सबसे खतरनाक बीमारी बन गई है। हालांकि, कुछ ऐसे भी कैंसर हैं, जिनकी सही समय पर स्क्रीनिंग और ट्रीटमेंट के कारण ग्रसित लोग मौत को हरा रहे हैं।

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आखिर है क्या कैंसर

शरीर की कुछ कोशिकाओं का गैर जरूरी तरीके से बनना और लगातार बढ़ते रहना ही कैंसर की पहचान है। इस कारण से शरीर के अंदर एक या एक से अधिक गांठ बन सकती हैं। ये गांठ उन गैरजरूरी कोशिकाओं का गुच्छा या झुंड होती है, जो हमारे शरीर के ऊतकों को नुकसान पहुंचाती रहती हैं।

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ये लक्षण हैं तो हो जाएं सावधान

कैंसर के लक्षण इस बात से पहचाने जा सकते हैं कि व्यक्ति के शरीर के किस हिस्से में यह बीमारी हुई है। फिर भी कुछ ऐसे लक्षण होते हैं, जो हर कैंसर मरीज में देखने को मिलते हैं-

शरीर में कहीं गांठ महसूस होना।

तेजी से वजन बढ़ना या घटना।

स्किन का रंग बदलना।

थकान महसूस होना

लगातार खांसी आना और सांस लेने में दिक्कत।

जोड़ों और मांसपेशियों में अकारण दर्द रहना।

रात में पसीना या बुखार आना।

खाना निगलने में दिक्कत।

यूरिन संबंधी दिक्कतें।

अपच की शिकायत होना।

आवाज में भारीपन होना।

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शरीर के अंदरूनी स्तर पर होते हैं ये बदलाव

कैंसर आमतौर पर कोशिकाओं के अंदर डीएनए बदलाव के कारण होता है। डीएनए में कई जीन्स होते हैं। ये जीन्स ही कोशिका को निर्देश देते हैं कि कितने भागों में बंटना है, किस तरह बढ़ना है और किस तरह कार्य करना है।

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अंगोंं का सही से काम न करना

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोशिका के अंदर मौजूद जीन्स उसे अलग-अलग कार्य से संबंधित निर्देश देते हैं। अगर इनके द्वारा दिए जा रहे निर्देशों और कोशिका द्वारा उन निर्देशों को समझकर काम करने के तरीके में कहीं कोई भी गलती होती है तो यह गलती कोशिका को सामान्य रूप से काम करने से रोकती है। साथ ही यही समस्या किसी कोशिका को कैंसर कोशिका में परिवर्तित करने का काम कर सकती है।

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कोशिकाएं खो देती हैं कंट्रोल

जीन म्यूटेशन कोशिका को यह भी बताता है कि उसे कितनी तेजी से बढ़ना और कब तक बढ़ना है। इसी म्यूटेशन के आधार पर नई कोशिकाएं भी बनती रहती हैं। जिन कोशिकाओं की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी आ जाती है, वे अनियंत्रित होकर कैंसर का कारण बनती हैं क्योंकि इनके अंदर मौजूद ट्यूमर को न बनने देने वाला जीन इन कोशिकाओं के ऊपर नियंत्रण खो देता है। इस कारण कोशिकाएं लगातार बढ़ती, बंटती और फैलती रहती हैं।

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अपनी तसल्ली के लिए दिखाएं डॉक्टर को

आपके अंदर इस तरह का कोई भी लक्षण नहीं है तो भी आप इस बात को लेकर तसल्ली करना चाहते हैं तो अपने डॉक्टर को दिखाएं और उनसे पूछें कि कौन-कौन सी जांच आपके लिए मददगार हो सकती हैं।

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इन चीजों को तुरंत छोड़ दें

हमसे जुड़े कुछ फैक्टर ऐसे भी होते हैं, जिनके बारे में हमें पता नहीं होता है। यही कारण है कि कैंसर के अधिकतर रोगियों के पास इस बीमारी की गिरफ्त में आ जाने का कोई स्पष्ट कारण नहीं होता है। जो स्पष्ट कारण हैं, वो कुछ यूं हैं-

स्मोकिंग करना और एल्कोहल का अधिक सेवन

एल्कोहल का सेवन करनेवाली महिलाओं में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

पुरुषों में भी यही स्थिति है।

असुरक्षित तरीके से किया गया सेक्स करना।

धूप में ज्यादा रहना।

अधिक मोटापा।

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पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ता है कि नहीं

कैंसर की बीमारी होने के कारणों में फैमिली हिस्ट्री का रोल बहुत बड़ा नहीं होता है। लेकिन अगर आपके परिवार में इस बीमारी का इतिहास रहा है तो हो सकता है कि म्यूटेनशन अगली पीढ़ी में भी ट्रांसफर हुआ हो। इससे बचने के लिए आप डॉक्टर से बात कर सकते हैं और उनकी सलाह पर जेनेटिक टेस्टिंग करा सकते हैं। हालांकि, इस बात को लेकर तनाव पालने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह जरूरी नहीं है कि आपके परिवार में ऐसा रहा हो तो आपके साथ भी यह समस्या हो।

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हो जाती है ये गड़बड़ी

जिन लोगों में क्रॉनिक हेल्थ प्रॉब्लम्स होती हैं, उनमें भी कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। जैसे अगर आपको कोलाइटिस की दिक्कत है तो आप अपने डॉक्टर से इस बीमारी की आशंका पर भी बात करें। कोलाइटिस पाचन तंत्र से संबंधित एक समस्या होती है, जिसमें कोलोन (पचे भोजन से तरल पदार्थ को अलग करने का अंग) में सूजन, इंफेक्शन, ब्लड की सप्लाई न होना या अन्य कोई समस्या आ जाती है।

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प्रदूषण भी हो सकता है बड़ा कारण

बहुत प्रदूषण भी कैंसर का कारण है। सांस लेने से भी हानिकारक कण शरीर के अंदर प्रवेश करते हैं। लगातार प्रदूषण वाले क्षेत्र में रहने के कारण कैंसर जैसी बीमारी मानव शरीर को अपनी जद में ले सकती है।

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