Amit Shah Bengal Visit: इसलिए काफी अहम अमित शाह का बंगाल दौरा, भाजपा में नई जान फूंकने की कोशिश

Amit Shah Bengal Visit: पश्चिम बंगाल में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद केंद्रीय गृह मंत्री का यह पहला पश्चिम बंगाल दौरा होगा।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Monika
Update:2022-05-05 08:01 IST

अमित शाह का बंगाल दौरा (photo: social media )

Amit Shah Bengal Visit Today: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का आज से शुरू हो रहा पश्चिम बंगाल (West Bengal) का दो दिवसीय दौरा सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में हार के बाद हुए राज्य में हुए अन्य चुनावों में भी भाजपा (BJP) का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल भाजपा में गुटबाजी की शिकायत भी सुनी जाती रही है। ऐसे में 2024 की सियासी जंग के लिए भाजपा को मजबूत बनाने की दिशा में शाह के दौरे की बड़ी भूमिका हो सकती है।

पश्चिम बंगाल में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद केंद्रीय गृह मंत्री का यह पहला पश्चिम बंगाल दौरा होगा। इस यात्रा के दौरान शाह सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने के साथ ही संगठन को मजबूत बनाने पर भी फोकस करेंगे। भाजपा और टीएमसी के बीच हाल के दिनों में वार और पलटवार का दौर चलता रहा है और ऐसे में शाह के इस दौरे को लेकर राज्य का सियासी तापमान बढ़ गया है।

पूरी ताकत लगाकर भी मिली थी हार

राज्य के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पिछले साल भाजपा ने पूरी ताकत लगाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने राज्य के विभिन्न इलाकों का दौरा करके भाजपा की जीत सुनिश्चित करने की भरपूर कोशिश की थी।

चुनाव नतीजे की घोषणा से पहले भाजपा और टीएमसी के बीच जोरदार टक्कर की उम्मीद जताई जा रही थी मगर चुनावी नतीजे में ममता बनर्जी की अगुवाई में टीएमसी ने भाजपा को काफी पीछे छोड़ दिया था। भाजपा सिर्फ 77 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी और इनमें से भी कई विधायक पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं। भाजपा के राज्यस्तरीय नेताओं के बीच में उठापटक की घटनाएं होती रही हैं और ऐसे में शाह के दौरे पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं।

2024 के सियासी जंग की तैयारियां

शाह के इस दौरे का एक बड़ा और एजेंडा 2024 की सियासी जंग के लिए भाजपा को तैयार करने का भी है। भाजपा ने विभिन्न राज्यों में अपने संगठन को सक्रिय करने की शुरुआत कर दी है और इसी कड़ी में अब पश्चिम बंगाल पर फोकस किया जा रहा है। दरअसल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुए उपचुनावों और नगर निगम के चुनावों में भी भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। टीएमसी ने इन सभी चुनावों में भाजपा को काफी पीछे धकेल दिया है और इसलिए भाजपा को मजबूत बनाने की कवायद नए सिरे से शुरू की जा रही है।

हाल में हुए लोकसभा उपचुनाव में आसनसोल सीट पर भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। आसनसोल सीट से टीएमसी के उम्मीदवार अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को जीत हासिल हुई है। लगातार मिल रही हार के कारण पार्टी में असंतोष बढ़ता जा रहा है। इस कारण शाह के दौरे को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

पार्टी में दिख सकता है बदलाव

प्रदेश भाजपा की राज्य समिति के एक सदस्य के मुताबिक अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए पार्टी के पास दो साल का वक्त बचा है। ऐसे में शाह के दौरे का मकसद संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के साथ ही पार्टी के कामकाज को और बेहतर बनाना है। दूसरी ओर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि शाह मुख्य रूप से सरकारी कार्यक्रमों में शिरकत करने के साथ ही पार्टी की राज्य इकाई के नेताओं के साथ बैठक भी करेंगे। सियासी जानकारों का कहना है कि शाह के दौरे के बाद पार्टी में बड़े पैमाने पर बदलाव भी दिख सकता है।

पार्टी के सांसदों और विधायकों से होगी मुलाकात

पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अपनी यात्रा के दौरान शाह पार्टी के सभी सांसदों और विधायकों के साथ मुलाकात करने के अलावा पश्चिम बंगाल इकाई के पदाधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे। वे भारत-बांग्लादेश सीमा से जुड़े अग्रिम इलाकों का दौरा करने के अलावा एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

वे सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ कर्मियों के साथ बातचीत भी करेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय का दौरा करने के साथ ही हरिदासपुर में मैत्री संग्रहालय की आधारशिला भी रखेंगे। शाह का यह दो दिवसीय दौरा आज से शुरू होगा और इस दौरे पर सभी सियासी दलों की निगाहें लगी हुई हैं।

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