क्या है बंगाल का कोयला घोटाला, CBI की अचानक सक्रियता पर उठे सवाल

सीबीआई की ओर से इस मामले में की जा रही कार्रवाई की टाइमिंग को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। ममता बनर्जी ने भी साफ कर दिया है कि मैंने बंदूकों के खिलाफ जंग लड़ी है और मैं चूहों से डरने वाली नहीं हूं।

Update:2021-02-23 09:36 IST
क्या है बंगाल का कोयला घोटाला, CBI की अचानक सक्रियता पर उठे सवाल (PC: social media)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर तीखी होती जुबानी जंग के बीच कोयला चोरी घोटाले को लेकर सियासी माहौल गरमा गया है। विशेष रूप से कोयला घोटाले में मुख्यमंत्री के ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी का नाम सामने आने के बाद भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर काफी तेज हो चुका है।

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ममता जंग लड़ने को तैयार

सीबीआई की ओर से इस मामले में की जा रही कार्रवाई की टाइमिंग को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। ममता बनर्जी ने भी साफ कर दिया है कि मैंने बंदूकों के खिलाफ जंग लड़ी है और मैं चूहों से डरने वाली नहीं हूं।

इस मामले में यह जानना जरूरी भी जरूरी है कि आखिर कोयला घोटाले का मामला क्या है जिसमें अचानक सीबीआई ने इतनी सक्रियता से कार्रवाई शुरू कर दी है। वैसे इसके पूर्व शारदा और रोजवैली घोटाले को लेकर भी सीबीआई सक्रिय हुई थी मगर कुछ समय से इन दोनों मामलों में सीबीआई की सक्रियता बिल्कुल ठंडी पड़ गई है।

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ममता के परिजनों तक पहुंची आंच

कोयला घोटाले में सीबीआई ने टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी और उनकी साली मेनका गंभीर को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। सीबीआई ने इस सिलसिले में सोमवार को मेनका से पूछताछ भी की है। घोटाले की आंच अभिषेक बनर्जी तक पहुंचने के बाद भाजपा ने इस मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर हमला भी बोला है। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि इस मामले में कानून अपना काम कर रहा है। तृणमूल कांग्रेस की ओर से लगाए जाने वाले आरोपों में किसी प्रकार का कोई दम नहीं है। भाजपा का यह भी कहना है कि अगर तृणमूल कांग्रेस के लोग इस घोटाले में लिप्त नहीं हैं तो आखिर वे इतना डरे हुए क्यों है।

दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस की ओर से सीबीआई कार्रवाई की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पार्टी का कहना है कि यह सबकुछ ममता बनर्जी और उनके परिजनों को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।

कोयले का अवैध व्यापार

दरअसल पश्चिम बंगाल के आसनसोल, पुरुलिया और बांकुरा रेंज और झारखंड के धनबाद में कोयले की खदानें भरी पड़ी हुई हैं। यहां पर कई ऐसी खदानें भी हैं जो ऐसे ही पड़ी हुई है या बंद पड़ी हैं। इसके अलावा इन स्थानों पर ईसीएल की खदानें भी हैं। इन खदानों से कोयले का अवैध व्यापार किया जाता है।

नवंबर में दर्ज हुआ था मामला

सीबीआई ने पिछले साल 27 नवंबर को ईस्टर्न कोलफील्ड (ईसीएल) के कई अफसरों और कर्मचारियों के साथ ही अनूप कुमार मांझी उर्फ लाला और सीआईएसएफ व रेलवे के अज्ञात अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके तहत आरोप लगाया गया था कि ईसीएल, भारतीय रेलवे, सीआईएसएफ और अन्य विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से ईसीएल के लीज होल्ड क्षेत्र से कोयले की बड़े पैमाने पर चोरी की गई। सीबीआई ने इस चोरी का सरगना अनूप कुमार मांझी को बताया था।

अभिषेक के करीबी पर कसा शिकंजा

एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई की ओर से पिछले साल 28 नवंबर को बंगाल के 45 स्थानों पर छापे मारे गए थे। बाद में सीबीआई ने इस सिलसिले में अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाने वाले विनय मिश्रा पर भी शिकंजा कर दिया था।

सीबीआई के बार-बार तलब करने के बावजूद विनय एजेंसी के सामने कभी पेश नहीं हुआ और अब उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट और लुक आउट नोटिस जारी किया जा चुका है।

अभिषेक की साली से तीन घंटे तक पूछताछ

इसी सिलसिले में सीबीआई अभिषेक बनर्जी की पत्नी और साली से भी पूछताछ करने में जुट गई है। सीबीआई ने इस मामले में सोमवार को मेनका के कोलकाता स्थित घर पर करीब तीन घंटे तक उनसे पूछताछ की। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई की दो महिला अधिकारियों ने मेनका से बैंक खातों को लेकर पूछताछ की।

शारदा व रोज वैली स्कैन में सक्रियता नहीं

वैसे इससे पहले पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शारदा चिटफंड और रोज वैली स्कैम में भी सीबीआई काफी सक्रिय हुई थी और सीबीआई की छापेमारी को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमलावर रुख अपना लिया था।

शारदा मामले को लेकर सीबीआई कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पर छापा मारने के लिए पहुंच गई थी मगर कोलकाता पुलिस ने सीबीआई की टीम को ही गिरफ्तार कर लिया था। बाद में इस मामले को लेकर ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई थीं।

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उस समय शारदा मामले को लेकर सीबीआई की टीम काफी सक्रिय दिखाई दे रही थी मगर इधर बीच शारदा मामले की जांच का मामला ठंडा पड़ा हुआ है। यह घोटाला इतना बड़ा था कि इसमें करीब 40000 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई थी मगर हाल के दिनों में शारदा और रोज वैली दोनों ही घोटालों में सीबीआई की सक्रियता नहीं दिख रही है।

रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

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