मिथुन से संघ प्रमुख की मुलाकात के सियासी मायने, भाजपा खेल सकती है बड़ा दांव

मुंबई में हुई इस मुलाकात के बाद मिथुन चक्रवर्ती के भाजपा में जाने की अटकलें भी लगाई जाने लगी हैं। वैसे मिथुन चक्रवर्ती का कहना है कि भाजपा में शामिल होकर मेरी दूसरी राजनीतिक पारी की संभावनाओं में कोई दम नहीं है।

Update:2021-02-17 09:52 IST
मिथुन से संघ प्रमुख की मुलाकात के सियासी मायने, भाजपा खेल सकती है बड़ा दांव (PC: social media)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर चल रही तनातनी के बीच एक मुलाकात ने सियासी तापमान को और बढ़ा दिया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की सिने अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती से हुई मुलाकात सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गई है। राज्य में चुनावी सरगर्मी के बीच हुई इस मुलाकात के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।

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हाल के दिनों में भाजपा ने टीएमसी के कई नेताओं को तोड़कर पार्टी को करारा झटका दिया है और मिथुन चक्रवर्ती भी टीएमसी से सांसद रह चुके हैं। हालांकि मिथुन चक्रवर्ती की ओर से सफाई पेश की गई है कि यह सियासी नहीं बल्कि आध्यात्मिक मुलाकात थी मगर इस मुलाकात के बाद सियासी हलकों में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

मिथुन चक्रवर्ती पेश कर रहे सफाई

bjp-flag (PC: social media)

मुंबई में हुई इस मुलाकात के बाद मिथुन चक्रवर्ती के भाजपा में जाने की अटकलें भी लगाई जाने लगी हैं। वैसे मिथुन चक्रवर्ती का कहना है कि भाजपा में शामिल होकर मेरी दूसरी राजनीतिक पारी की संभावनाओं में कोई दम नहीं है। उनका कहना है कि इस बारे में अकलबाजी नहीं की जानी चाहिए क्योंकि ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है।

पहले भी हो चुकी है दोनों की मुलाकात

बॉलीवुड की दुनिया में कई हिट फिल्में दे चुके मिथुन चक्रवर्ती का बंगाल में काफी असर माना जाता है और मोहन भागवत उनसे मुलाकात करने के लिए मुंबई में स्थित उनके आवास पर पहुंचे थे। इससे पहले नागपुर में भी मिथुन और मोहन भागवत की मुलाकात हो चुकी है।

मिथुन चक्रवर्ती की ओर से सफाई पेश की गई है कि उन्होंने खुद भागवत को मुंबई में अपने घर पर आने का आमंत्रण दिया था। मिथुन का कहना है कि उनकी लखनऊ में भी भागवत से मुलाकात हुई थी और तब भी उन्होंने भागवत से मुंबई आने पर मुलाकात करने का अनुरोध किया था।

इसलिए शुरू हुआ कयासों का दौर

मिथुन और भागवत की मुलाकात से कयासों का दौर इसलिए शुरू हुआ है क्योंकि मिथुन तृणमूल कांग्रेस के साथ एक बार सियासी पारी खेल चुके हैं। मिथुन तृणमूल कांग्रेस की ओर से राज्यसभा के सदस्य चुने गए थे। हालांकि लंबे समय तक गैरहाजिर रहने और शारदा घोटाले में नाम आने के बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था।

अभी तक पूरी नहीं हुई भाजपा की तलाश

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस तो पहले की तरह ममता बनर्जी के चेहरे पर चुनाव मैदान में उतर रही है मगर भाजपा की ओर से अभी तक मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर किसी का नाम घोषित नहीं किया गया है। दरअसल भाजपा की दिक्कत यह है कि मुख्यमंत्री पद के चेहरे के लिए उसकी तलाश पूरी नहीं हो सकी है।

ऐसे में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के लिए अटकलबाजियों का दौर चल रहा है। कुछ समय पहले मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर बीसीसीआई के अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का नाम भी उछला था। हालांकि यह अटकलबाजी अब शांत हो चुकी है।

बंगाल से ही होगा भाजपा का सीएम

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल के अपने दौरे के दौरान कई बार यह स्पष्ट तौर पर कह चुके हैं कि भाजपा के चुनाव जीतने पर पश्चिम बंगाल से ही किसी चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि बार-बार पूछने पर भी उन्होंने अभी तक किसी नाम का खुलासा नहीं किया है। सियासी जानकारों का कहना है कि भाजपा को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में किसी मजबूत शख्सियत की तलाश है ताकि उसे ममता बनर्जी के मुकाबले मजबूती से खड़ा किया जा सके। ऐसे में मिथुन चक्रवर्ती के नाम को लेकर भी अटकलबाजी शुरू होना स्वाभाविक ही है।

मुलाकात पर भागवत की चुप्पी

पश्चिम बंगाल में मिथुन चक्रवर्ती के चाहने वालों की लंबी चौड़ी फौज है और ऐसे में वे भाजपा के लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं। मजे की बात तो यह है कि भागवत से मुलाकात के बाद मिथुन चक्रवर्ती की ओर से तो काफी सफाई पेश की गई मगर भागवत ने अभी तक इस मुलाकात को लेकर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है।

हालांकि इस मुलाकात में दोनों के बीच क्या बातचीत हुई है, इसका पूरा खुलासा नहीं हो सका है। वैसे एक बात तो साफ है कि भाजपा पश्चिम बंगाल को लेकर कोई बड़ी सियासी खिचड़ी जरूर पका रही है।

BJP-TMC (PC: social media)

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सियासी धमाका कर सकती है भाजपा

हाल के दिनों में भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी सहित कई विधायकों को तोड़कर टीएमसी को जबर्दस्त झटका दिया है। टीएमसी सांसद और पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने हाल में राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान ने इस्तीफे का एलान करके टीएमसी को करारा झटका दिया था।

त्रिवेदी के भी भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। भाजपा ने अभी तक मिथुन चक्रवर्ती को लेकर भले ही अपने पत्ते न खोलें हों मगर आने वाले दिनों में पार्टी की ओर से बड़ा सियासी धमाका किया जा सकता है।

रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

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