जेईई ऐडवांस में सफल छात्रों पर बोले मैथेमेटिक्स गुरु, कही इतनी बड़ी बात

बिहार का मान सम्मान को विश्व पटल पर बढ़ाने वाले मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव हजारों स्टूडेंट्स के आज रोल मॉडल हैं। सैकड़ों गरीब प्रतिभाओं के सपने को आईआईटी, एनआईटी, एनडीए, बीसीईसीई में सफलता दिलाकर लगा चुके है

Update: 2020-10-07 06:10 GMT
बिहार का मान सम्मान को विश्व पटल पर बढ़ाने वाले मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव हजारों स्टूडेंट्स के आज रोल मॉडल हैं। सैकड़ों गरीब प्रतिभाओं के सपने को आईआईटी, एनआईटी, एनडीए, बीसीईसीई में सफलता दिलाकर लगा चुके है पंख।

पटना : अच्छा लगता है जब बीज नन्हा सा पौथा का रूप धारण करता है और जब हम बड़े जतन से उसमें खाद पानी डालते हैं, कीटनाशक छिड़क कर उसे बचते हैं । और वह अहसास तो सच में कमाल का होता है जब हमारे सामने मीठे फलों से लदा हुआ वृक्ष होता है । ऐसा ही अहसास मुझे हुआ जब हमारे स्टूडेंट्स अनिश कुमार मिठाई के डब्बे के साथ मुझसे मिलने आये ।

 

आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफल

जब अपने मातृभूमि के स्टूडेंट्स आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफल होते है तो खुशी कई गुणा बढ जाता है। बिक्रमगंज के अनिश ने जेईई ऐडवांस में 1185 RANK लाकर सबका मान सम्मान बढ़ाया।सालों से छात्रों के रोल मॉडल रहे मैथमेटिक्स गुरू उनकी प्रतिभाओं को उड़ान दे रहे हैं। आईआईटी के लिये जेईई ऐडवांस 2020 का परिणाम घोषित हो चुका है।

एक बार फिर मैथमेटिक्स गुरू आरके श्रीवास्तव और उनके सफल छात्रों ने साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत, ऊंची सोच और पक्का इरादा हो तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। बिक्रमगंज के मनबोध नगर निवासी आशा देवी और बुचून चौधरी के पुत्र अनीश कुमार ने आईआईटी परीक्षा में सफ़लता लाकर दिखा दिया।

 

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सफलता का श्रेय

कड़ी मेहनत ,उच्ची सोच और पक्का ईरादा से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। अनीश ने जेईई ऐडवांस में 1185 रैंक लाकर बन चूका है बिक्रमगंज शहर के स्टूडेंट्स के लिये प्रेरणास्रोत। अनीश के गुरु वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर आरके श्रीवास्तव ने बताया की अनीश की सफ़लता में अनीश के मेहनत के साथ उनके माता आशा देवी का बहुत बड़ा योगदान है। अनीश की माँ आशा देवी बिक्रमगंज के पटेल कॉलेज में बतौर होम साइंस की प्रोफेसर है।

 

पिता बुचून चौधरी एक व्यवसायR है। अनीश आईआईटी से पढने के बाद आगे एमआईटी या ज्यूरेख से पढकर क्वांटम इन्फोर्मेशन और कोस्मोलोजी पर रिसर्च कर देश के लिये नोबेल लाना चाह्ता है। श्रीवास्तव ने आगे बताया की जब अनीश क्लास 8 में था तभी वह क्लास 10 वी के प्रश्नो को हल करता था। जब वह क्लास 10 वी में पहुचा तो 11 वी, 12 वी के बैच में बैठकर पढ़ाई करने लगा। शुरु से ही अनीश काफी प्रतिभाशाली था।

 

 

 

सोशल मीडिया से

गरीब प्रतिभाओं के सपने

बिहार का मान सम्मान को विश्व पटल पर बढ़ाने वाले मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव हजारों स्टूडेंट्स के आज रोल मॉडल हैं। सैकड़ों गरीब प्रतिभाओं के सपने को आईआईटी, एनआईटी, एनडीए, बीसीईसीई में सफलता दिलाकर लगा चुके है पंख। आरके श्रीवास्तव के नाईट क्लास के मॉडल को जानने और समझने के लिए अभिभावक सहित शिक्षक भी उनके क्लास में बैठते है कि आखिर कैसे मैथमेटिक्स गुरू पूरे रात लगातार 12 घण्टे विद्यार्थियों को पूरे अनुसाशन के साथ मैथमेटिक्स का गुर सीखा रहे।

 

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मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव न सिर्फ बिहार में लोकप्रिय है बल्कि अपने गणित पढ़ाने के जादुई तरीके एवम गणितीय शोध के लिए प्रायः सुर्खियों में भी रहते है। कबाड़ की जुगाड़ से 100 से अधिक चर्चित गणित के सूत्रो को सिद्ध कर चुके है ।क्लासरूम प्रोग्राम में पाइथागोरस प्रमेय को 50 से ज्यादा तरीको से सिद्ध कर उन्होंने गणित विरादरी में काफी वाहवाही लुटा है।इनका नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड एवं इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो चुका है।

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