UP में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में अभी और लगेगा समय, सामने हैं ये चुनौतियां

उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। जहां एक तरफ सरकार भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने में लगी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ अभ्यर्थियों ने इस भर्ती प्रक्रिया पर धांधली (Fraud) का आरोप लगाया है।

Update: 2020-05-28 08:21 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। जहां एक तरफ सरकार भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने में लगी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ अभ्यर्थियों ने इस भर्ती प्रक्रिया पर धांधली (Fraud) का आरोप लगाया है। इसके अलावा परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद एग्जाम के एक दिन पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूट चैनल पर पेपर लीक होने को लेकर भी काफी बवाल हो रहा है।

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सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों की मार्कशीट हुईं वायरल

इतना ही नहीं, इस परीक्षा में टॉप करने वाले अकेडमिक बैकग्राउंड के साथ उम्मीदवारों की मार्कशीट भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इसके साथ ही इस एग्जाम में कुछ प्रश्नों को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। जिसे लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मसले पर तकरीबन 350 से ज्यादा याचिकाएं कोर्ट में दाखिल हैं।

पेपर लीक होने के संबंध में मुकदमा दर्ज

वहीं 21 मई को आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर एग्जाम के पेपर लीक होने के संबंध में मुकदमा दर्ज कराने की जानकारी शेयर की थी। अधिकारी का दावा था कि पेपर लीक होने के पूरे सबूत हैं। ऐसे में अब संदेह जताया जा रहा है कि तीन महीने में भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी?

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क्या है पूरा मामला?

बता दें कि 6 जनवरी 2019 को एक रिटेन पेपर हुआ। इस एग्जाम से एक दिन पहले पेपर लीक होने की बात सामने आई। इस संबंध में उत्तर प्रदेश पुलिस और STF ने पूरे राज्य में छापेमारी कर 28 लोगों को गिरफ्तार भी किया था। यूट्यूब और व्हाट्सएप पर ऑन्सर की वायरल होने का भी दावा किया गया था। वहीं कुछ अभ्यर्थियों ने परीक्षा होने के अगले दिन से ही भर्ती प्रक्रिया पर धांधली का आरोप लगाते हुए इसे रद्द करने की मांग करनी शुरू कर दी।

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परीक्षा में शामिल हुए एक अभ्यर्थी का कहना है कि भर्ती परीक्षा 6 जनवरी को थी और 5 जनवरी को एक यूट्यूब चैनल पर आंसर की वायरल हो गई। जिसमें 135 सवालों के सही जवाब थे। वीडियो के डिस्क्रिप्शन में अपलोड करने की तारीख भी 5 जनवरी ही लिखी थी।

अभ्यर्थियों का आरोप है कि एसटीएफ ने इस मामले में आंसर की पकड़ा, गिरफ्तारियां हुईं। लेकिन इसके बाद भी सरकार की तरफ से जांच के आदेश नहीं दिए गए। 7 जनवरी से हम लोगों ने दो महीने तक प्रोटेस्ट किया। हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की लेकिन सरकार की ओर से अब तक अपना जवाब दाखिल नहीं किया गया है।

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