Jaundice Signs and Causes: पीलिया है बहुत खतरनाक, जानें इसके लक्षण और बचने के घरेलु उपाय

Jaundice Signs and Causes: इस रोग के कुछ अधिक सामान्य कारण हैं जैसे- विषाक्त खाद्य पदार्थों का सेवन, अतिरिक्त शराब पीना, वायरल इन्फेक्शन जैसे फेफड़ों और पेट के रोगों से जुड़े कुछ संक्रमण और अधिक गंभीर मामलों में जैसे कि लिवर सम्बंधी बीमारियां।

Update:2023-04-20 14:00 IST
Jaundice Signs and Causes (Image: Newstrack)

Jaundice Signs and Causes: जॉन्डिस या पीलिया एक प्रकार का रोग है जो बहुत से कारणों से होता है। यह रोग जिगर (लिवर) में होने वाली समस्या के कारण उत्पन्न होता है जिससे बिलीरुबिन नामक एक तरल पदार्थ बढ़ जाता है। यह रंग नीले और हरे के बीच अर्धशुष्क सुबरंगी होता है जो आखों, त्वचा और मुंह के अंदर जाने से उन्हें पीले रंग का दिखाई देता है।

इस रोग के कुछ अधिक सामान्य कारण हैं जैसे- विषाक्त खाद्य पदार्थों का सेवन, अतिरिक्त शराब पीना, वायरल इन्फेक्शन जैसे फेफड़ों और पेट के रोगों से जुड़े कुछ संक्रमण और अधिक गंभीर मामलों में जैसे कि लिवर सम्बंधी बीमारियां या गलगंज के कारण।

पीलिया के लक्षण (Piliya Ke Lakshan in Hindi)

- यह जॉन्डिस का सबसे मुख्य लक्षण है, जिसमें त्वचा और आंखों का रंग पीला हो जाता है।
- मल व श्वसन के रंग में अंतर हो जाता है। यदि जॉन्डिस आपकी समस्या है तो आपका मल और श्वसन अपना सामान्य रंग नहीं रखेगा। इन चीजों का रंग पीला हो जाता है।
- जॉन्डिस से पीड़ित व्यक्ति को खूनी पुरीया हो सकता है जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर दिखाई देता है।
- जॉन्डिस के मरीजों में थकान की समस्या होती है।
- जॉन्डिस से पीड़ित व्यक्ति को भूख नहीं लगती है और वह ज्यादा खाने से तंग आता है।
- उल्टी का एहसास भी जॉन्डिस के मरीजों में हो सकता है।
- जॉन्डिस से पीड़ित व्यक्ति को चक्कर आ सकते हैं और वह ठीक से चल नहीं सकता है।
- जॉन्डिस के मरीजों में बुखार आने की भी समस्या हो सकती है।

पीलिया से बचने के उपाय (Piliya Se Bachne Ke Upay Hindi)

- हाइजीन को बनाये रखें। सफाई का ध्यान रखें और हाइजीन को बनाए रखने के लिए समय-समय पर हाथ धोते रहें।
- पेट साफ रखने का प्रयास करें। इसके लिए अपने खान-पान में स्वस्थ खाद्य पदार्थों का उपयोग करें और बाहर का खाना खाने से बचें।
- वैक्सीनेशन जरूर लगवाएं। हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी के खिलाफ वैक्सीनेशन करवाएं।
- सुनिश्चित करें कि नियमित रूप से जनरल फिजिशियन के पास जाएँ और अपने स्वास्थ्य की जांच करवाएं।
- जैविक खाद्य पदार्थों का उपयोग करें और पानी की पर्याप्त मात्रा लें।
- बुरी आदतों से बचें। शराब और धूम्रपान से बचें और जब तक जरूरी न हो तब तक कोई दवाई न लें।
- स्टेराइड जैसी दवाओं से बचें। दवाओं का अतिरिक्त सेवन जैसे स्टेराइड आदि से बचें, क्योंकि ये लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- नस्लवादी दवाओं से बचें। जो भी दवाएं लें, उनकी डॉ की सलाह पर ही उपयोग करें।

पीलिया हो जाए तो क्या करना चाहिए (Piliya Ho Jaye to Kya Kare)

- खाद्य पदार्थों की सेवन में परिवर्तन करें। खाद्य पदार्थों के रूप में कुछ खास भोजन जैसे कि चावल, दलहनी आदि अपने खाने में शामिल करें।
- हाइड्रेशन को बनाए रखें। रोजाना पानी की पर्याप्त मात्रा लें ताकि आपके शरीर में मौजूद जो भी विषैले पदार्थ हों वे निकल सकें।
- दवाओं का सेवन जरूर करें । अगर आपको अधिक बीमारी हो गई है तो आपको डॉक्टर द्वारा बताए गए दवाओं का सेवन करना होगा।
- उपवास करना भी लाभप्रद होता है। जब तक आपकी पीलिया ठीक नहीं होती है, आपको कम से कम एक सप्ताह तक उपवास करना चाहिए।
- पेट साफ रखें। पेट को साफ रखें ताकि आपके शरीर में जमी हुई विषैले पदार्थ निकल सकें।
- रुके हुए पथरी को टूटने दें। यदि आपके शरीर में पथरी है तो उसे टूटने दें ताकि यह आपके मल द्वारा शरीर से बाहर निकल सके।

ध्यान दें कि ये उपाय केवल सलाहकार के निर्देशानुसार किए जाने चाहिए।

कितना खतरनाक है पीलिया

पीलिया एक ऐसी बीमारी है जो जीवन खतरे से नहीं खेलती है, लेकिन अगर इसे लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाए तो इससे कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह इसलिए होता है क्योंकि जब पीलिया के कारण जिगर में बढ़ती हुई बिलीरुबिन की मात्रा शरीर में अधिक होती है तो इससे कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

अधिकतर मामलों में, लोगों को उचित उपचार के बाद ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर आपको लंबे समय से पीलिया है या आपके शरीर में बिलीरुबिन की मात्रा बहुत ज्यादा हो रही है, तो यह अन्य समस्याओं के लिए भी कारण बन सकती है, जैसे कि किडनी विफलता और न्यूमोनिया आदि।

इसलिए, पीलिया को समय पर ठीक कराना बेहद आवश्यक होता है ताकि यह बीमारी आपके शरीर में जमा होकर अन्य समस्याओं का कारण न बने। यदि आपको पीलिया के लक्षण दिखाई दें तो आपको निकटतम चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

पीलिया से बचने के घरेलु उपाय (Piliya Se Bachne Ke Gharelu Upay in Hindi)

यहाँ कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं जो पीलिया के प्रबंधन में उपयोगी हो सकते हैं:

नींबू का रस: नींबू का रस पाचन और लिवर के कार्य में मदद करने के लिए जाना जाता है। एक गिलास पानी में नींबू का रस मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं।

मूली के पत्ते: मूली के पत्तों को चबाया जा सकता है या रस में बनाया जा सकता है और लीवर को डिटॉक्स करने में मदद के लिए इसका सेवन किया जा सकता है।

पपीते के पत्ते: पपीते के पत्तों में एंजाइम होते हैं जो लिवर के कार्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। पपीते के कुछ पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें और इसे दिन में एक या दो बार पिएं।

हल्दी: हल्दी में सूजन-रोधी गुण होते हैं और यह लिवर की सुरक्षा में मदद कर सकता है। अपने भोजन में हल्दी शामिल करें या एक गिलास गर्म दूध में थोड़ी सी मात्रा मिलाकर सोने से पहले इसे पी लें।

आंवला (भारतीय आंवला): आंवला विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो लीवर के कार्य में मदद कर सकता है। आंवला जूस का सेवन या इसे अपने आहार में शामिल करना मददगार हो सकता है।

छाछ: छाछ पाचन और लिवर के विषहरण में मदद कर सकता है। एक गिलास छाछ में एक चुटकी नमक और भुना जीरा पाउडर डालकर पिएं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हालांकि ये घरेलू उपचार पीलिया के प्रबंधन में सहायक हो सकते हैं, लेकिन इन्हें चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। उचित निदान और उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

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