गजब भाई: अब इतना सस्ता हुआ सोना-चांदी, जल्दी ले लो नहीं तो...
सोना खरीदने वालों के लिए खुशखबरी है। लोगों में सोने की ज्वैलरी खरीदने को लेकर काफी उत्साह रहता है। ज्यादातर लोग सोने की खरीदारी में ही दिलचस्पी रखते हैं।
नई दिल्ली: सोना खरीदने वालों के लिए खुशखबरी है। लोगों में सोने की ज्वैलरी खरीदने को लेकर काफी उत्साह रहता है। ज्यादातर लोग सोने की खरीदारी में ही दिलचस्पी रखते हैं।
सोने की कीमतें गिर गई है। शुक्रवार को दिल्ली के सर्राफा बाजार में 10 ग्राम सोने 196 रुपए सस्ता हो गया है। साथ ही चांदी की कीमतों में भी बड़ी गिरावट आई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने की कीमतों में गिरावट अब थम सकती है, क्योंकि मूडीज की ओर से भारत के आउटलुक को घटाने के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी बढ़ी है। इसका असर सोने की कीमतों पर पड़ने की आशंका है। लिहाजा अगले एक से दो दिन में सोना की कीमतों में फिर से तेजी आने की आशंका बनी हुई है।
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सोने के नए भाव-
दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने के भाव 38,902 रुपए प्रति दस ग्राम से गिरकर 38,706 रुपए पर आ गए हैं।
चांदी की नई कीमतें-
दिल्ली में एक किलोग्राम चांदी की कीमतें 956 रुपए गिरकर 45,498 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई हैं। वहीं चांदी का भाव 46,454 रुपए प्रति किलोग्राम था।
अब आगे क्या-
एक्सपर्ट्स का कहना है कि दुनिया की बड़ी रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत के आउटलुक को स्टेबल से घटाकर निगेटिव कर दिया है। इससे भारत में तेजी से बढ़ रहे विदेशी निवेश को झटका लग सकता है। अगर ऐसा होता है तो शेयर बाजार में गिरावट आएगी। लिहाजा लोगों का रुझान फिर से सोने की ओर बढ़ेगा। वैसे, इसकी संभावनाएं काफी कम है। क्योंकि दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में फिर से सुधार के संकेत मिल रहे है। ऐसे में सोने की कीमतें में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
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सोने की ज्वैलरी लेते वक्त जरूर रखें इन बातों का ख्याल
केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया बताते हैं कि आपको हमेशा हॉलमार्क ज्वेलरी ही खरीदनी चाहिए। हॉलमार्किंग का निर्धारण ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) करती है। यह संस्था कस्टमर्स को उपलब्ध कराए जा रहे गुणवत्ता के स्तर की जांच करती है। यदि सोने गहनों पर हॉलमार्क है तो इसका मतलब है कि वो शुद्ध है।
- मेकिंग चार्ज में मोलभाव करें हर ज्वेलरी पर मेकिंग चार्ज अलग-अलग होता। इसकी सबसे खास वजह है कि हर गहनों की बनावट और कटिंग और फिनिशिंग अलग-अलग होती है। अगर यह मानव निर्मित या मशीन निर्मित।
- उसी में ज्वेलरी निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी होता है। गहने खरीदते वक्त आपको शुद्धता सर्टिफिकेट लेना न नहीं भूलना चाहिए। इस सर्टिफिकेट में गोल्ड के कैरेट जरूर चेक कर लें।
- मशीन निर्मित ज्वेलरी मानव निर्मित ज्वेलरी से सस्ती पड़ती है। मेकिंग चार्ज दो तरह से तय होते हैं या तो सोने की कीमत पर प्रतिशत या प्रति ग्राम सोने पर फ्लैट मेकिंग चार्ज। कई ज्वेलर्स ग्राहकों के मोलभाव करने पर मेकिंग चार्ज कम कर देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसका कोई खास मानक अभी तक इंडस्ट्री में तय नहीं किया गया है।
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- लेकिन कई ज्वैलर्स बिना जांच प्रकिया पूरी किए ही हॉलमार्क लगाते हैं। ऐसे में यह देखना जरूरी है कि हॉलमार्क ओरिजनल है या नहीं? असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है। उस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है।
- साथ ही, गोल्ड ज्वैलरी में लगे नगीने (स्टोन) के लिए भी एक अलग सर्टिफिकेट जरूर लें। इससे आपके ठगे जाने की गुंजाइश कम हो जाएगी। कई बार जल्दबाजी में सोना खरीदते वक्त ग्राहक इन बातों पर ध्यान नहीं देते हैं, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।