बहुत खतरनाक है ये जून, रोकना होगा बहुत ही मुश्किल
डॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि अस्पतालों ने लॉकडाउन में अपनी तैयारी कर ली है। डॉक्टर्स को प्रशिक्षण दे दिया गया है। पीपीई किट्स, वेंटिलेटर और जरूरी मेडिकल उपकरणों के इंतजाम हुए हैं। कोरोना की जांच बढ़ी है। यह सभी कुछ सकारात्मक है।
नई दिल्लीः एम्स डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि हमें कोरोना के साथ ही जीना होगा, जून में आएंगे सबसे ज्यादा केस। हालांकि दो दिन पहले उन्होंने कहा था कि कोरोना संक्रमण के मामलों की दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि सर्दियों में हो सकती है। डॉ. गुलेरिया देश में कोरोना वायरस की रोकथाम और प्रबंधन के लिए बनाई जा रही रणनीतियों से जुड़े हुए हैं।
एम्स निदेशक का यह कहना आने वाले खतरे का संकेत है कि जून के महीने में कोरोना वायरस के मामले सबसे ज्यादा होंगे। हालांकि वह मानते हैं कि लॉकडाउन का फायदा मिला है और लॉकडाउन में कोरोना के केस ज्यादा नहीं बढ़े हैं।
गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार आज तक कोरोना संक्रमण के मामले 50 हजार का आंकड़ा पार कर चुके हैं।
डॉ. गुलेरिया ने मीडिया से बातचीत में यह भी कहा है कि हमें कोरोना से जंग को एक वर्ष से अधिक लंबी लड़ाई के रूप में देखना चाहिए। इसके अलावा मामलों की संख्या में सीमित रखने के लिए हॉटस्पॉट्स पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़नी चाहिए
उनका यह भी कहना है कि देश में अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग-अलग रणनीति बनाने की जरूरत है। हॉटस्पॉट क्षेत्रों में बारीक निगरानी होनी चाहिए। डॉ. गुलेरिया का कहना है कि कोरोना संकट से निपटने के लिए हेल्थ सेक्टर के निजी क्षेत्र को सक्रिय होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब तक हमने निजी अस्पतालों से ज्यादा भागीदारी नहीं देखी है।
एम्स के डायरेक्टर का कहना है कि देश लॉकडाउन से बाहर आने के लिए तैयार हो रहा है लेकिन जिस तरीके से ट्रेंड दिख रहा है उसमें जून में कोरोना के केस पीक पर होंगे। यह बीमारी एक बार में खत्म नहीं होगी। हमें कोरोना के साथ जीना होगा। इसके बाद धीरे-धीरे कोरोना के मामलों में कमी आएगी।
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डॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि अस्पतालों ने लॉकडाउन में अपनी तैयारी कर ली है। डॉक्टर्स को प्रशिक्षण दे दिया गया है। पीपीई किट्स, वेंटिलेटर और जरूरी मेडिकल उपकरणों के इंतजाम हुए हैं। कोरोना की जांच बढ़ी है। यह सभी कुछ सकारात्मक है।
डॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि कोरोना कितना लंबा चलेगा, अभी इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है लेकिन इतना जरूर है कि जब कोई चीज पीक पर होती है तो वहीं से वह डाउन होनी भी शुरू होती है।