बदलेगा आपके बैंक का नाम: पड़ेगा ऐसा असर, सबकुछ हो जाएगा परिवर्तित

बैंक ग्राहकों के लिए बड़ी खबर हैं। दरअसल, आपके बैंक का नाम बदलने वाला है। मिली जानकारी के मुताबिक, जल्द ही सरकारी बैंकों का बड़े बैंक में विलय हो जाएगा।

Update:2020-02-19 14:09 IST

लखनऊ: बैंक ग्राहकों के लिए बड़ी खबर हैं। दरअसल, आपके बैंक का नाम बदलने वाला है। मिली जानकारी के मुताबिक, जल्द ही सरकारी बैंकों का बड़े बैंक में विलय हो जाएगा। इस बाबत हफ्तेभर में फैसला आने की उम्मीद है। जिसके बाद नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया जाएगा। बता दें कि बैंकों के विलय को लेकर ग्राहकों के मन में कई सवाल है। वह इस बारे में कम जानकारी होने पर चलते कई तरह की अफवाहों से प्रभावित हैं। बैंक विलय की पूरी जानकारी और इसका ग्राहकों पर पड़ने वाले असर के बारे में Newstrack.com आपको पूरी जानकारी देगा।

1 अप्रैल हो हो सकता है 10 सरकारी बैंकों का मर्जर

सूत्रों के मुताबिक़, सरकारी बैंकों के बड़े बैंकों में विलय (PSU Bank Merger) के फैसले पर इसी हफ्ते सरकार फैसला सुना सकती है। जिसके बाद 1 अप्रैल से मर्ज हुए बैंकों के नाम बदल जायेंगे। बता दें कि इस प्रक्रिया के बाद दस बैंकों का 4 बैंकों में विलय हो जाएगा। ऐसे में देश में सरकारी बैंकों की संख्या घट कर 12 हो जायेगी।

इन बैंकों के बदलेंगे नाम:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऐलान के मुताबिक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया जाएगा।

केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय होगा।

इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय किया जाएगा।

यूनियन बैंक के साथ आंध्रा बैंक और कारपोरेशन बैंक का विलय किया जाएगा।

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देश के ये बड़े सरकारी 12 बैंक:

बैंकों के विलय के बाद भारत में सरकारी बैंको की संख्या 12 रह जायेगी। जिसमें भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और यूको बैंक रह जाएंगे।

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ग्राहकों पर बैंक विलय का असर:

विलय के बाद बैंक ग्राहकों पर भी असर पड़ेगा। इसके तहत सभी खाता धारकों को एक नया अकाउंट नम्बर और कस्टमर आईडी मिल जायेगी।

डिटेल चेंज होने के बाद नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड इशू कराने होंगे।

नए अकाउंट नम्बर के साथ नया आईएफएससी कोड भी मिलेगा।

ऐसे में इन नए डिटेल्स को सरकारी विभागों में update करवाना होगा। इनमें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में शामिल हैं।

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लोन या ईएमआई के लिए भी ग्राहकों को नया फ़ार्म भरना पड़ेगा।

कुछ शाखाएं बंद हो सकती हैं, इसलिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ सकता है।

नहीं होंगे इनमें बदलाव:

फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा।

जिन ब्याज दरों पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा।

गौरतलब है कि इस बड़े विलय की घोषणा पिछले साल 30 अगस्त को की गई थी। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, मर्जर के बाद बैंकों के नाम भी बदल सकते हैं। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक कोई भी बयान जारी नहीं हुआ है।

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