24 बेटियां हुईं एयरलिफ्ट: दलालों के चंगुल से ऐसे कराई गई मुक्त, झारखंड से बड़ी खबर
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने भरोसा दिलाया है कि, रेस्कयू कर लाई गई लड़कियों को राज्य के अंदर ही रोज़गार दिलाया जाएगा। पिछले दिनों उन्होने श्रम विभाग की समीक्षा के दौरान भी कहा था कि, झारखंड की पहचान एक लेबर स्टेट के तौर पर होती जा रही है।
रांची: झारखंड की 24 लड़कियां तमिलनाडु के कोयंबटूर से रेस्कयू कराकर विमान से रांची लाई गई हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद पीड़ित लड़कियां दलालों के चंगुल में फंस गई। दलालों ने इन्हे अच्छी नौकरी और सैलरी का प्रलोभन देकर अपने जाल में फंसा लिया। दलालों ने लड़कियों को 12 हज़ार सैलरी देने का भरोसा दिलाया था लेकिन पीड़ित लड़कियों को मात्र चार से पांच हज़ार रुपए दिए जाते थे। इतना ही नहीं इन लड़कियों से सोलह-सोलह घंटे काम कराए जाते थे। पीड़ित लड़कियों ने अपनी आपबीती परिवार को बताई और परिवार ने ज़िला प्रशासन के माध्यम से सरकार तक बात पहुंचाई। बाद में फिया फाउंडेशन और सरकार के सहयोग से लड़कियों को एयरलिफ्ट कराया गया।
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झारखंड में मिलेगा रोज़गार
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने भरोसा दिलाया है कि, रेस्कयू कर लाई गई लड़कियों को राज्य के अंदर ही रोज़गार दिलाया जाएगा। पिछले दिनों उन्होने श्रम विभाग की समीक्षा के दौरान भी कहा था कि, झारखंड की पहचान एक लेबर स्टेट के तौर पर होती जा रही है। लिहाज़ा, इस पहचान से राज्य को आगे निकलना है। सीएम ने विभागीय मंत्री सत्यानंद भोगता की मौजूदगी में कहा कि, मज़दूरों की बात को सुना जाना चाहिए। उन्हे हुनरमंद बनाकर रोज़गार से जोड़ा जाए।
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दिल्ली से भी लाई गई लड़कियां
पिछले दिनों दिल्ली समेत अन्य राज्यों से 45 बालिग-नाबालिग लड़कियों को रेस्कयू कर लाया गया था। मुख्यमंत्री आवास में इन लड़कियों से मिलते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने भरोसा दिलाया था कि, अब लड़कियों को रोज़गार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। राज्य के अंदर ही उन्हे रोज़गार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे। साथ ही मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू कर लाई गई नाबालिग लड़कियों को प्रतिमाह दो हज़ार रुपए देने का भी वादा किया था।
समाज कल्याण विभाग की भूमिका
समाज कल्याण विभाग का दिल्ली में INTEGRATED RESOURCE AND REAHAB CENTRE- IRC है जिसकी मदद से उन्हे फंसे हुए बच्चे-बच्चियों के बारे में जानकारी मिलती है। IRC दिल्ली समेत अन्य राज्यों के चिल्ड्रेन होम में आने वाले बच्चों की जानकारी रखता है और झारखंड से आने वाले लड़के-लड़कियों की जानकारी विभाग को देता है। साथ ही इस काम में कई एनजीओ भी सरकार को मदद करते हैं। झारखंड का फिया फाउंडेशन समेत अन्य संस्थान सरकार के साथ मिलकर लड़के-लड़कियों को दलालों के चंगुल से मुक्त कराता है।
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ग़रीबी का फायदा
दलाल ग़रीब परिवार के लोगों को प्रलोभन देकर लड़के-लड़कियों को बाहर भेजने के लिए राज़ी कर लेते हैं। दिल्ली समेत अन्य राज्यों में अच्छी नौकरी का भरोसा दिलाकर उन्हे अपने चंगुल में फंसा लिया जाता है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शिकार कई लड़के-लड़कियां इसकी मिसाल हैं। हालांकि, सरकार का दावा है कि, मानव तस्करी पर लगाम लगाने के लिए तत्परता से काम किया जा रहा है। श्रम विभाग भी रोज़गार के नाम पर बाहर ले जाने वालों पर नज़र रखने का दावा करता है। हालांकि, इन सबके बावजूद बड़ी संख्या में झारखंड से लड़के-लड़कियों को बाहर ले जाया जा रहा है।
रिपोर्ट- शाहनवाज़
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