तिरंगा फहराने को लेकर यहां नेताओं के बीच जमकर चले लात-घूंसे, एक की मौत

स्वतंत्रता दिवस के दिन पश्चिम बंगाल में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां के हुगली जिले में तिरंगा फहराने को लेकर शनिवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और बीजेपी कार्यकर्ता आमने सामने आ गये।

Update: 2020-08-15 16:30 GMT
भारतीय तिरंगे की फाइल फोटो

दुर्गापुर: स्वतंत्रता दिवस के दिन पश्चिम बंगाल में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां के हुगली जिले में तिरंगा फहराने को लेकर शनिवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और बीजेपी कार्यकर्ता आमने सामने आ गये।

तिरंगा फहराने को लेकर विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि इसने हिंसा का रूप ले लिया। हिंसक झड़प में बीजेपी जिला परिषद के एक नेता की मौत हो गई। काफी देर तक उत्पाद मचाने के बाद टीएमसी कार्यकर्ता वहां से भाग निकले।

प्राप्त जानकारी के अनुसार हुगली के हरिशचक गांव में दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने एक ही स्थान पर ध्वजारहण समारोह का अयोजन किया था। जब दोनों के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे तो पहले तिरंगा फहराने को लेकर दोनों कार्यकर्ताओं में नोक-झोंक हो गई।

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टीएमसी के चुनाव चिन्ह की फाइल फोटो

बीजेपी नेता की मौत

बीजेपी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि तृणमूल कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर सुदाम प्रमाणिक के सिर पर हथियार से प्रहार किया। जिससे उनकी मौत हो गई। वह बीजेपी की हुगली जिला इकाई के नेता थे।

जबकि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने खुद की गलती होने की बात से साफ तौर पर इनकार किया है। उनका कहना है कि यह घटना भाजपा में आपसी लड़ाई के कारण हुई।

जिला तृणमूल कांग्रेस के नेता प्रबीर घोषाल ने कहा कि उन्होंने इस घटना के बारे में सुना। लेकिन टीएमसी इस झड़प में शामिल नहीं थी। यह घटना बीजेपी कार्यकर्ताओं के आपसी झगड़े की वजह से हुई। प्रबीर घोषाल ने इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की।

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भाजपा के चुनाव चिन्ह की फाइल फोटो

वहीं मामले से जुड़े पुलिस अधिकारी ने कहा कि घटना के बाद क्षेत्र के पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है। इस बात की जांच शुरू कर दी गई है कि वास्तव में सुदाम प्रमाणिक पर किसने धारदार हथियार से हमला किया। फिलहाल इस मामले में किसी को भी अभी तक अरेस्ट नहीं किया गया है।

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