हंटर करेगा चीन का शिकार: दफन होंगे सारे हथकंडे, पीछे हटने को होगा मजबूर

चीन का शिकार करने अब सबसे बड़ा शिकारी भारत आ रहा है। पिछले कई महीनों से चीन भारत को धोखेबाजी और अपने अड़ियल मिजाज से परेशान कर रहा है। ऐसे में तनातनी के इन विवादों के चलते अमेरिका अगले महीने भारत को अपना सबसे बड़ा घातक शिकारी ड्रैगन की पनडुब्बियों का शिकार करने के लिए देने वाला है।

Update: 2020-09-24 10:16 GMT
चीन का शिकार करने अब सबसे बड़ा शिकारी भारत आ रहा है। पिछले कई महीनों से चीन भारत को धोखेबाजी और अपने अड़ियल मिजाज से परेशान कर रहा है।

नई दिल्‍ली: चीन का शिकार करने अब सबसे बड़ा शिकारी भारत आ रहा है। पिछले कई महीनों से चीन भारत को धोखेबाजी और अपने अड़ियल मिजाज से परेशान कर रहा है। ऐसे में तनातनी के इन विवादों के चलते अमेरिका अगले महीने भारत को अपना सबसे बड़ा घातक शिकारी ड्रैगन की पनडुब्बियों का शिकार करने के लिए देने वाला है। जीं हां हिंद महासागर और अरब सागर में चीनी युद्धपोतों और पनडुब्बियों की बढ़ती घुसपैठ को देखते हुए अमेरिका नए बोइंग P-8i निगरानी विमानों का एक जत्‍था भारत को सौंपने जा रहा है। बता दें, ये विमान पहले से भारतीय नौसेना में मौजूद बेडे़ में शामिल होंगे।

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दुश्मन पनडुब्बियों और युद्धपोतों का आसानी से खात्‍मा

फोटो-सोशल मीडिया

ऐसे में अमेरिका के इन नए P-8i विमानों को कई नई तकनीकों और हथियारों से लैस किया गया है। इन विमानों को भारत के पश्चिमी तट पर गोवा में हंसा नेवल बेस पर तैनात किया जाएगा। इस बारे में कई विशेषज्ञों का कहना है कि इन विमानों के आने से भारत हिंद महासागर और अरब सागर में चीनी और पाकिस्‍तानी पनडुब्बियों और युद्धपोतों का आसानी से खात्‍मा कर सकेगा।

बता दें, भारत के पास पहले से ही 8 पी-8 आई विमान मौजूद हैं जिन्‍हें तमिलनाडु के अरक्‍कोनम में तैनात किया गया है। अत्‍याधुनिक रेडार से लैस ये विमान जरूरत पड़ने पर चीनी सीमा पर लद्दाख और पूर्वोत्‍तर में भी भेजे जाते हैं।

इसके साथ ही अमेरिका की चर्चित कंपनी बोइंग की तरफ से बनाए गए इन विमानों में चालक दल के 3 सदस्‍य और एक नौसैनिक विशेषज्ञ शामिल होता है। इन विमानों को सबमरीन का शिकार करने के लिए मार्क-54 तारपीडो, मार्क-84 डेप्‍थ चार्ज और घातक बमों से लैस किया गया है।

फोटो-सोशल मीडिया

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एंटी शिप मिसाइलें भी लगाई

इसके अलावा इस विमान में एजीएम-84 हार्पून(AGM-84 Harpoon) एंटी शिप मिसाइलें भी लगाई गई हैं। पी-8 आई को कैरियर बैटल ग्रुप की सुरक्षा के लिए भी तैनात किया जा सकता है।

पी-8 आई में मैग‍नेटिक अनोमली डिटेक्‍शन सिस्‍टम (मैड) लगा है जो पानी के अंदर छिपी पनडुब्बियों को खोज निकालता है। इसके अलावा पी-8 में कई ऐसे रेडार लगे हैं जो लंबी दूरी तक नजर रखने और जासूसी करने में सक्षम हैं। इस विमान की स्‍पीड 789 किमी प्रतिघंटा है और ऑपरेशनल रेज 1200 मील है। यह करीब 40 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ान भरता है।

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ऑस्‍ट्रेलिया के साथ समझौता

दूसरी तरफ भारत ने ऑस्‍ट्रेलिया के साथ समझौता किया है। जिसके चलते भारत अब ऑस्‍ट्रेलिया के कोकोस द्वीप पर पी-8 आई को उतार सकता है। इससे भारत सुंडा स्‍ट्रेट के रास्‍ते पर चीन को उसकी हर नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है।

बता दें, भारतीय विमान इस समय तमिलनाडु में तैनात हैं जिससे पूरे मलक्‍का स्‍ट्रेट और अंडमान सागर में चीनी पनडुब्बियों और युद्धपोतों पर भारतीय नौसेना नजर रख रही है।

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