बाबरी ध्वंसः इकबाल अंसारी की अपील, इसलिए बरी कर दें इन्हें
फैसले से पहले ही रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास और मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने अदालत से सभी आरोपियों को बरी करने की अपील की है।
अयोध्या: पिछले 28 साल से चल रहे बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कल यानी 30 सितंबर को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। ऐसे में पूरे देश को इस ऐतिहासिक फैसले का इंतज़ार है। सभी के दिलों की आज से ही तेज हैं कि आखिर कल कोर्ट इस हाई प्रोफाइल मामले में क्या फैसला सुनाएगी। लेकिन कोर्ट के फैसला सुनाने से पहले इस केस के दो पक्षकारों ने न्यायालय से एक अपील की है। फैसले से पहले ही रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास और मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने अदालत से सभी आरोपियों को बरी करने की अपील की है। आचार्य सत्येंद्र दासस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में यह सिद्ध नहीं हो पाया कि वहां (राम जन्मभूमि) पर बाबरी मस्जिद थी। इसलिए राम जन्मभूमि के पक्ष में फैसला आया। ऐसी स्थिति में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में दोषी बनाए गए सभी आरोपियों को बाइज्जत बरी कर देना चाहिए।
हम हिंदू-मुसलमानों के बीच कोई विवाद नहीं देखना चाहते- इकबाल अंसारी
वहीं बाबरी मस्जिद मामले के पक्षकार एवं प्रमुख मुद्दई इकबाल अंसारी ने एक बार फिर कोर्ट से अपील की है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस समेत मंदिर-मस्जिद से जुड़े सभी मुकदमों को समाप्त कर दिया जाए। इकबाल अंसारी कहा कि हम हिंदू- मुसलमानों के बीच कोई विवाद देखना नहीं चाहते है। हम चाहते हैं कि अगर हमारे देश में हिंदू-मुसलमान का विवाद नहीं रहेगा, तो भारत का दुनिया में सबसे ऊपर नाम लिखा जाएगा।
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वहीं इकबाल अंसारी ने आगे ये भी कहा कि कुछ ऐसे नेता हैं जो मंदिर-मस्जिद और हिंदू-मुसलमान की बात करके आपसी विवाद भड़काते हैं। अंसारी ने कहा कि जैसे सभी देवी-देवता अयोध्या में रहते हैं वैसे ही हिंदू-मुसलमानों को एक साथ सौहार्द से रहना चाहिए। इसीलिए कोर्ट से बार-बार मांग है कि अयोध्या के मंदिर-मस्जिद से जुड़े सारे मुकदमों को समाप्त कर दिया जाए।
इन 2 नेताओं के भविष्य का कल होगा फैसला
आपको बता दें कि पिछले 28 साल बाबरी मस्जिद विध्वंस का मामला चल रहा है। अब 28 साल बाद कल यानी 30 सितंबर को लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी। ऐसे में पूरे देश की निगाहें अब देश के दो सबसे गद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया पर टिकी हैं।
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क्योंकि ये दोनों ही नेता बाबरी केस में आरोपी बनाए गए थे। ऐसे में अब कल यानी 30 सितंबर को इनके भविष्य का फैसला होगा। फैसले को देखते हुए पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ग्वालियर से लखनऊ के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं, कोरोना पॉजिटिव उमा भारती के बारे में माना जा रहा है कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए कोर्ट की कार्यवाही में उपस्थिति दर्ज कराएंगी।