इस बार गणतंत्र दिवस पर कौन होगा भारत का मुख्य अतिथि, यहां जानें
बीटिंग रीट्रिट सेरेमनी का आयोजन हर साल राष्ट्रपति भवन रायसीना हिल्स में किया जाता है। जिसमें देश के राष्ट्रपति चीफ गेस्ट के तौर पर शिरकत करते हैं। इस आयोजन का आरंभ तीनों सेनाओं के एक साथ सामूहिक बैंड वादन से होता है।
नई दिल्ली: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में भारत के मुख्य अतिथि होंगे।
यह जानकारी ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने दी है। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर जॉनसन भारत आएंगे। बता दें जॉनसन को पीएम नरेंद्र मोदी ने आमंत्रित किया था। गणतंत्र दिवस परेड में आखिरी ब्रिटिश प्रधानमंत्री 1993 में जॉन मेजर थे।
जानें क्या होती है बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी, जिससे होता है गणतंत्र दिवस का समापन
राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह के बाद लोगों को बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी का इंतजार रहता है। गणतंत्र दिवस समारोह के जश्न की शुरुआत परेड से तो जश्न का समापन बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी के बाद होता है।
अधिकतर लोग इस सेरेमनी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं इस बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी के बारे में सब कुछ।
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29 जनवरी को आयोजित की जाती है ‘बीटिंग रीट्रीट’ सेरेमनी
बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी गणतंत्र दिवस यानि कि 26 जनवरी के ठीक तीन बाद 29 जनवरी को आयोजित की जाती है। गणतंत्र दिवस समारोह के जश्न की शुरुआत परेड से होती है तो जश्न का समापन बीटिंग रीट्रिट सेरेमनी के बाद होता है। बीटिंग द रिट्रीट सेरिमनी को मुख्य रूप से गणतंत्र दिवस का समापन समारोह कहा जाता है। इसका प्रदर्शन रायसीना रोड पर राष्ट्रपति भवन के सामने होता है।
सेना का अपने बैरक में लौटने का प्रतीक
बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी में तीनों सेना (थल सेना, वायु सेना और नौसेना) के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। साथ ही यह सेना का अपने बैरक में लौटने का प्रतीक भी माना जाता है। हर साल गणतंत्र के तीसरे दिन 29 जनवरी की शाम बीटिंग रिट्रीट का आयोजन किया जाता है।
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कैसे होता है ये कार्यक्रम
हर साल बीटिंग रीट्रिट सेरेमनी का आयोजन राष्ट्रपति भवन रायसीना हिल्स में किया जाता है। जिसमें देश के राष्ट्रपति चीफ गेस्ट के तौर पर शिरकत करते हैं। इस आयोजन का आरंभ तीनों सेनाओं के एक साथ सामूहिक बैंड वादन से होता है।
इसमें तीनों सेनाओं के बैंड राष्ट्रपति के सामने बैंड बजाते हैं। इस दौरान ड्रमर एकल प्रदर्शन करते हैं। इसके साथ ही ड्रमर्स एबाइडिड विद मी की धुन बजाते हैं और ट्युबुलर घंटियों की तरफ से चाइम्स बजाई जाती हैं। जो कि काफी दूरी पर रखी जाती है।
ऐसे होता है कार्यक्रम का औपचारिक समापन
कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रपति भवन और संसद के पास विजय चौक पर किया जाता है। बैंड वादन के बाद फिर रिट्रीट द्वारा बिगुल बजाया जाता है।
उसके बाद बैंड मास्टर राष्ट्रपति के समीप जाकर बैंड वापस ले जाने की अनुमति मांगते हैं। जिसका मतलब होता है कि गणतंत्र दिवस के समारोह पूरा हो चुका है। उसके बाद मार्च वापस जाते समय तीनों सेना के बैंड ‘सारे जहां से अच्छा’ बजाते हैं।
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