PM Modi Speech in Lok Sabha: 'तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी...संसद में बोले PM मोदी
150 से ज्यादा देशों को संकट के समय दवाई दी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'कोरोना महामारी के दौर में हमने 150 से ज्यादा देशों को संकट के समय वैक्सीन पहुंचाई। यही वजह है कि आज कई देश वैश्विक मंचों पर खुले मन से भारत का धन्यवाद देते हैं। भारत का गौरव गान करते हैं।'
आज देश में हर क्षेत्र में आशा ही आशा
पीएम मोदी ने कहा, 'आज देश में हर क्षेत्र में आशा ही आशा नजर आ रही है। कुछ लोगों को ये नहीं दिख रहा है। प्रधानमंत्री ने स्टार्ट अप्स के तेजी से बढ़ने का भी जिक्र किया। बोले, आज देश में 109 यूनिकॉर्न बन चुके हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने काका हथरसी (Kaka Hathrasi) की रचना का जिक्र करते हुए कहा, कि 'जिसकी जैसी सोच होगी, उसे वैसा ही नजर आएगा।' पीएम मोदी ने ये भी कहा कि कुछ लोग निराश हैं। ये निराशा भी ऐसे नहीं आई। एक तो जनता का हुकुम, बार-बार हुकुम। उन्होंने कहा, साल 2014 के पहले अर्थव्यवस्था खस्ताहाल थी। महंगाई डबल डिजिट में रही, कुछ अच्छा होता है निराशा और उभरकर सामने आ जाती है।'
प्रधानमंत्री- कुछ लोग देश की तरक्की स्वीकार नहीं कर पा रहे
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी दलों पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा, कि 'आज देश हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। कुछ लोग इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे। उन्होंने रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) में चौथे नंबर पर, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में दूसरा सबसे बड़ा देश बन जाने का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा, आज देश का खिलाड़ी अपना रुतबा दिखा रहा है। भारत का दुनिया में डंका बज रहा है। आज भारत मैन्युफैक्चरिंग का हब बन चुका है।'
'आज राष्ट्रहित में फैसले लेने वाली सरकार है'
प्रधानमंत्री मोदी ने ये भी कहा, कि 'पिछले दो-तीन दशक से अस्थिरता का माहौल रहा है। उन्होंने कहा, कि 'आज देश में स्थिर सरकार है। मजबूत फैसले लेने वाली सरकार है। उन्होंने आगे कहा, आज देश आत्मविश्वास से भरा हुआ है। डिजिटल इंडिया की हर तरफ वाहवाही हो रही है। एक जमाना था जब छोटी टेक्नोलॉजी के लिए भी देश तरसता रहता था। उन्होंने वैश्विक अस्थिरता, युद्ध की स्थिति आदि का भी जिक्र किया। कहा कि, मजबूत इच्छाशक्ति से हम सुधार कर रहे हैं। आज राष्ट्रहित में फैसले लेने वाली सरकार है। ये सुधार मजबूरी में नहीं किए गए हैं।'
पाक-श्रीलंका की ओर पीएम मोदी का इशारा
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, चुनौतियों के बिना जीवन नहीं होता। कई देशों में भीषण महंगाई है। खाने पीने का संकट व्याप्त है। हमारे पड़ोस में भी वैसे ही हालात हैं। ऐसी स्थिति में कौन हिंदुस्तानी गर्व नहीं करेगा। ऐसे समय में भी देश 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। आज दुनिया में भारत को लेकर भरोसा बढ़ा है। आज भारत को विश्व के समृद्ध देश जी-20 समूह की अध्यक्षता का अवसर भी मिला। ये देश के लिए गर्व की बात है। लेकिन, मुझे लगता है कि इससे भी कुछ लोगों को दुख हो रहा है।'
अधीर रंजन पर प्रधानमंत्री का निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, कांग्रेस के 'बड़े नेता' राष्ट्रपति का अपमान कर चुके हैं। पीएम मोदी ने एक तरह से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन पर निशाना साधा।
राष्ट्रपति का अभिभाषण 'संकल्प से सिद्धि' तक की..
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'संकट के माहौल में देश को जैसे संभाला गया। पूरा देश उस आत्मविश्वास भरा है। उन्होंने कहा, चुनौती के बिना जीवन नहीं। 140 करोड़ लोगों का सामर्थ्य चुनौती से भरा हुआ है। पीएम मोदी ने कहा, राष्ट्रपति देश की बहन-बेटियों की प्रेरणा हैं। राष्ट्रपति ने आदिवासी समाज का गौरव और मान बढ़ाया है। आदिवासी समाज में गौरव की अनुभूति है। उन्होंने ये भी कहा कि, राष्ट्रपति का अभिभाषण 'संकल्प से सिद्धि' तक की यात्रा का खाका है।'
वैश्विक अस्थिरता और आत्मविश्वास का भी किया उल्लेख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा कि, 'सदन में हंसी-मजाक, टीका-टिप्पणी होता रहता है लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि आज गौरवपूर्ण क्षण में हम जी रहे हैं। कोरोना महामारी, युद्ध की स्थिति, बंटा हुआ विश्व इस स्थिति में भी देश को जिस तरह से संभाला गया है उससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है।'
घोटालों और भ्रष्टाचार का भी किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में संबोधन के दौरान कहा, 'राष्ट्रपति ने भाषण में कहा है कि बड़े-बड़े घोटालों, सरकारी योजनाओं में घोटालों और भ्रष्टाचार से देश मुक्ति चाहता था। वो देश को मिल रही है। पॉलिसी पैरालिसिस (policy paralysis) से बाहर आकर आज देश तेज विकास की ओर बढ़ा है। मुझे उम्मीद थी कि ऐसी बातों का कुछ लोग विरोध जरूर करेंगे। लेकिन किसी ने विरोध नहीं किया।'
'राष्ट्रपति के अभिभाषण पर किसी को एतराज नहीं'
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति के संबोधन के कुछ वाक्य भी अपने भाषण के दौरान कोट किया। उन्होंने ये भी कहा कि, 'राष्ट्रपति के अभिभाषण पर किसी को एतराज नहीं है। इसकी किसी ने आलोचना भी नहीं की। उन्होंने आगे कहा, मुझे खुशी है कि किसी ने विरोध नहीं किया। सबने स्वीकार किया। पीएम मोदी ने ये भी कहा कि, इसे पूरे सदन की स्वीकृति मिली। सदस्यों ने अपनी सोच के अनुसार अपनी बात रखी। इससे उनकी समझ और इरादों का भी पता चला।'