दिल्ली में संक्रमण तेज होने से चिंता बढ़ी, कोरोना से जंग में बड़ा कदम उठाने की तैयारी
दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण में तेजी सरकार के लिए चिंता का विषय बन गई है। राज्य की केजरीवाल सरकार के साथ ही केंद्र सरकार ने भी...
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण में तेजी सरकार के लिए चिंता का विषय बन गई है। राज्य की केजरीवाल सरकार के साथ ही केंद्र सरकार ने भी दिल्ली में कोरोना से जंग जीतने के लिए बड़े कदम उठाने का फैसला किया है। दिल्ली में कंटेनमेंट जोन्स की नए सिरे से मैपिंग की जाएगी। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के फैलाव का पता लगाने के लिए 27 जून से 10 जुलाई के बीच विशेष अभियान छेड़ा जाएगा। इस विशेष अभियान में 20000 लोगों का सैंपलिंग के जरिए सिरोलॉजिकल सर्वे करने का फैसला भी किया गया है।
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मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी
दिल्ली में कोरोना की रफ्तार काफी तेज बनी हुई है और इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 60,000 तक पहुंच गई है। दिल्ली में अब तक कोरोना से 2175 लोगों की मौत हो चुकी है। लॉकडाउन के दौरान तो हालात कुछ नियंत्रण में थे मगर दिल्ली को अनलॉक किए जाने के बाद काफी तेजी से केस दर्ज किए जा रहे हैं। हालांकि कोरोना वायरस से जंग जीतने वालों की संख्या भी बढ़ी है। दिल्ली में कोरोना पर काबू पाने के लिए हुई अहम बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस उच्चस्तरीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, उपराज्यपाल अनिल बैजल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे।
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बीस हजार लोगों का होगा सर्वे
बैठक में दिल्ली में कंटेनमेंट जोन्स की नए सिरे से मैपिंग कराने का फैसला लिया गया। इसके साथ ही आरोग्य सेतु एप के जरिए संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों की पहचान की जाएगी ताकि उन्हें जल्द से जल्द आइसोलेट किया जा सके। सरकार ने दिल्ली में 20000 लोगों का सिरोलॉजिकल सर्वे करने का भी फैसला किया है। सर्वे का मकसद का पता लगाना है कि कितने लोगों के ब्लड में कोरोना वायरस की एंटीबॉडीज यानी प्रतिरोधक तैयार हो चुका है। इस सर्वे के नतीजों के आधार पर सरकार दिल्ली में कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए रणनीति तैयार करेगी।
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पाल समिति की रिपोर्ट पर चर्चा
इस महत्वपूर्ण बैठक में कंटेनमेंट जोन की रणनीति बनाने के लिए डॉक्टर पाल समिति की रिपोर्ट भी पेश की गई। इस रिपोर्ट में कंटेनमेंट जोन्स का नए सिरे से परिसीमन करने पर जोर दिया गया है ताकि कोरोना का संक्रमण रोका जा सके। समिति की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन्स के अंदर और उसकी सीमा की गतिविधियों पर सख्ती से नजर रखी जाए। समिति की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आरोग्य सेतु एप के जरिए संक्रमित व्यक्तियों के कांटेक्ट में आए लोगों की ट्रेसिंग की जाए।
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मरीजों के मामले में भी होगी सख्ती
बैठक के बाद गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों को अनिवार्य रूप से कोविड-19 सेंटर भेजने की बात कही गई है। हल्के लक्षण वाले उन लोगों को ही होम आइसोलेशन की छूट दी जाएगी जो किसी अन्य बीमारी के शिकार नहीं है। होम आइसोलेशन में रहने वाले हर व्यक्ति के बारे में केंद्र सरकार को पूरी जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही कोरोना से मौत होने पर मृतक का पूरा ब्योरा जुटाने का भी निर्देश दिया गया है।
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