कोरोना वैक्सीन पर अच्छी खबर: भारत में होगी इतनी सस्ती, सीरम इंस्टीट्यूट का करार
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बताया कि भारत में दस करोड़ कोरोना वैक्सीन तैयार करने के लिए बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन 150 मिलियन डॉलर का फंड देगी।
नई दिल्ली: देश में तेजी से बढ़ते कोरोना ग्राफ के बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर तेजी से काम किया जा रहा है। वहीं, शुक्रवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बताया कि भारत में दस करोड़ कोरोना वैक्सीन तैयार करने के लिए बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन 150 मिलियन डॉलर का फंड देगी। इसके साथ ही सीरम इंस्टीट्यूट Astra Zeneca और Novavax के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बनाने पर भी काम कर रही है।
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वैक्सीन के लिए तीन डॉलर का चार्ज
सीरम इंस्टीट्यूट Astra Zeneca और Novavax के साथ समझौते के तहत कोरोना के दो वैक्सीन के लिए करीब तीन डॉलर तक का चार्ज वसूल सकती है। सीरम इंस्टीट्यूट को गेट्स फाउंडेशन से यह फंडिंग इंटरनेशनल वैक्सीन अलायंस GAVI के माध्यम से मिल सकेगी। आपको बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी में शामिल है। यह सबसे ज्यादा वैक्सीन डोज तैयार करने की क्षमता रखती है।
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सप्लाई व लाइसेंस मिली सहमति
सीरम इंस्टीट्यूट ने शुक्रवार को कहा कि यह फंडिंग कंपनी की ओर से रिस्क मैन्युफैक्चरिंग को सपोर्ट करेगा। इंस्टीट्यूट ने कहा कि अगर इस वैक्सीन को सभी तरह के लाइसेंस मिल जाते हैं और WHO के मानदंडों पर खरा उतरता है तो इसे प्रोक्योरमेंट के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा। वहीं Novavax इंक ने बुधवार को बताया कि उसे कोरोना वैक्सीन के डेवलपमेंट और कॉमर्शियलाइजेशन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ सप्लाई व लाइसेंस सहमति प्राप्त हो चुकी है।
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अन्य देशों के लिए नॉन-एक्सक्लूसिव डील
दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन मेकर में शुमार सीरम इंस्टीट्यूट के पास भारत में वैक्सीन के लिए एक्सक्लूसिव राइट्स होंगे। इसके साथ ही उसके पास महामारी की अवधि के लिए अन्य देशों के लिए नॉन-एक्सक्लूसिव डील होगी। हालांकि इसमें उन देशों को शामिल नहीं किया जाएगा, जिसे वर्ल्ड बैंक की ओर से अपर-मिडिल क्लास या हाइ इनकम वाला देश करार दिया गया है।
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Novavax वैक्सीन टेक्नोलॉजी है दमदार
वहीं, पिछले मंगलवार को Novavax ने दावा किया था कि उसके वैक्सीन को कोरोना के खिलाफ पर्याप्त एंटीबॉडी तैयार करने में सहायता मिली है। यह कंपनी का शुरुआती स्टेज का क्लिनिकल ट्रायल था। वहीं सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ आदर पुनावाला ने कहा कि हम Novavax के साथ मिलकर मलेरिया की वैक्सीन तैयार कर चुके हैं। इसलिए हमें पता है कि उनके वैक्सीन टेक्नोलॉजी में कितना दम है।
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