Coronavirus in India: ये भी एक रहस्य, मार्च में ही क्यों बढ़ता है कोरोना?

Coronavirus in India: अब 2023 के मार्च में ही कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा हुआ है। कोरोना की तेजी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैठक बुलाई थी और आवश्यक निर्देश दिए थे।

Update: 2023-03-25 12:46 GMT
Coronavirus in india (photo: social media )

Coronavirus in India: वैज्ञानिक अभी तक ये पता नहीं कर पाये हैं कि भारत में कोरोना का संक्रमण हर साल मार्च में ही क्यों बढ़ता और फैलता है? सबसे पहली लहर मार्च 2020 में आई थी और फिर ठीक एक साल बाद मार्च 2021 में इसकी दूसरी लहर ने बेहिसाब तबाही मचाई थी। 2022 में भारत ही नहीं बल्कि ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड और ब्रिटेन में भी मार्च की शुरुआत से ही कोरोना के मामले बढ़ने लगे थे।

अब 2023 के मार्च में ही कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा हुआ है। कोरोना की तेजी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैठक बुलाई थी और आवश्यक निर्देश दिए थे।

चिंता की बात

केंद्र व तमाम राज्य सरकारों के लिए कोरोना का बढ़ना चिंता का विषय है। आम जनता के लिए ये बड़े खतरे की बात है क्योंकि इस समय कई तरफ के वायरस फैले हुए हैं। कोरोना के इस नए खतरे को देखते हुए ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।

कुछ संभावित कारण

मार्च के महीने में कोरोना वायरस के सिर उठाने के कई कारण हो सकते हैं। एक कारण मौसम और उससे जुड़ा तापमान हो सकता है। मार्च के महीने में न तो सर्दी रही है और न गर्मी, सो ये संभव है कि मौसम और तापमान के इस कॉम्बिनेशन की वजह से वायरस ज्यादा पनपता और फैलता हो। लेकिन सच्चाई ये भी है इस बारे में पक्के तौर पर कोई रिसर्च नहीं हुई है और इसे वैज्ञानिक आधार नहीं दिया जा सकता। कोरोना वायरस का मौसम और तापमान से क्या संबंध है, इस पर अभी कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। हालांकि फ्लू और कोल्ड वायरस का ट्रेंड देखें तो पता चलेगा यह ठंड में सक्रिय होता है, जबकि गर्मी में इसमें कमी देखी जाती है। बारिश में भी तापमान गिरता है इसलिए मुमकिन है कि इसके चलते कोरोना वायरस में तेजी आने की संभावना बढ़ जाती हो। इस वर्ष भारत में में फरवरी बहुत गर्म रही थी लेकिन मार्च में मौसम अस्थिर रहा है। कई क्षेत्रों में बारिश हुई है और तापमान नीचे गया है।

एक कारण यह गिनाया जा सकता है कि लोगों में कोरोना वैक्सीन का असर कम होने के बाद इम्यूनिटी कमजोर हो गयी है और इसकी वजह से संक्रमण पकड़ रहा है। लेकिन यह तर्क इसलिए मजबूत नहीं लगता कि इम्यूनिटी तो लगातार घटती जायेगी लेकिन सिर्फ एक-दो महीने में ही क्यों वायरस ज्यादा वार करता है। कुछ लोगों का कहना है कि मास्क जैसे एहतियात न बरतने की वजह से संक्रमण फैला है लेकिन यह तर्क भी वाजिब नहीं लगता क्योंकि मास्किंग, सामाजिक दूरी और साफ़ सफाई तो काफी पहले से लोग भूल चुके हैं सो उसका असर सिर्फ मार्च में दिखने का कोई तर्क नहीं दिया जा सकता है।

ये भी अनसुलझी गुत्थी

कोरोना वायरस लगातार म्यूतेत हो कर नए स्ट्रेन और सब वेरियंट के रूप में सामने आता जा रहा है। अच्छी बात ये है कि बड़ी जनसंख्या में कोरोना संक्रमण के चलते उत्पन्न हुई प्राकृतिक इम्यूनिटी और वैक्सीन के जरिये पैदा इम्यूनिटी का असर है कि कोरोना संक्रमण बहुत गंभीर बीमारी नहीं पैदा कर रहा है। लेकिन वायरस किन्हीं ख़ास अवधी में ही क्यों फैलता है, ये अभी भी शोध का विषय है। चूँकि एक ट्रेंड पता ही है सो लोगों को स्वतः एहतियात बरतना चाहिए।

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