भ्रष्टाचार पर मोदी सरकार का फिर बड़ा वार, अब लिया ये बड़ा फैसला
मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में भ्रष्ट अधिकारियों को बख्शने के मूड में नहीं है। आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों पर ऐक्शन के बाद अब सरकार ने मंगलवार को सीमा शुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के 15 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया।
नई दिल्ली: मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में भ्रष्ट अधिकारियों को बख्शने के मूड में नहीं है। आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों पर ऐक्शन के बाद अब सरकार ने मंगलवार को सीमा शुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के 15 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया।
जबरन रिटायर किए गए अधिकारियों में प्रिंसिपल कमिश्नर रैंक के एक अधिकारी भी शामिल हैं। इन सभी को भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोपों में बर्खास्त किया गया है।
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वित्त मंत्रालय के आदेश के मुताबिक नियम 56 (जे) के तहत सरकार ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के इन अधिकारियों को रिटायर किया गया है, जिनमें प्रिंसिपल कमिश्नर से लेकर असिस्टेंट कमिश्नर की रैंक के अधिकारी शामिल हैं। इनमें से कुछ पहले से ही निलंबित चल रहे थे।
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18 जून को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और कस्टम (Central Board of Indirect Taxes and Customs) विभाग के जबरन रिटायर किए गए अधिकारियों के पद और नाम इस प्रकार हैं प्रिंसिपल कमिश्नर डॉ. अनूप श्रीवास्तव, कमिश्नर अतुल दीक्षित, कमिश्नर संसार चंद, कमिश्नर हर्षा, कमिश्नर विनय व्रिज सिंह, अडिशनल कमिश्नर अशोक महिदा, अडिशनल कमिश्नर वीरेंद्र अग्रवाल, डिप्टी कमिश्नर अमरेश जैन, ज्वाइंट कमिश्नर नलिन कुमार, असिस्टेंट कमिश्नर एसएस पाब्ना, असिस्टेंट कमिश्नर एसएस बिष्ट, असिस्टेंट कमिश्नर विनोद सांगा, अडिशनल कमिश्नर राजू सेकर डिप्टी कमिश्नर अशोक कुमार असवाल और असिस्टेंट कमिश्नर मोहम्मद अल्ताफ।
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इससे पहले भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालते ही सख्त फैसले लेते हुए पिछले हफ्ते टैक्स विभाग के ही 12 वरिष्ठ अअधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया गया था।