कोरोना पर बड़ी लापरवाही, श्मशान से चिता पर जल रहे शव को उठा ले गई पुलिस
कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्कार के लिए एजेंसियों की नियुक्ति की गई है। हाल ही में राजधानी में इसे लेकर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है।
नई दिल्ली: कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्कार के लिए एजेंसियों की नियुक्ति की गई है। हाल ही में राजधानी में इसे लेकर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। करोलबाग में एक बुजुर्ग की कोरोना से मौत हुई। परिजनों ने एजेंसियों को इसकी सूचना दी। जब एजेंसी की ओर से कोई नहीं पहुंचा तो परिजनों ने खुद ही अंतिम संस्कार कर दिया। इस बीच पुलिस पहुंच गई और चिता बुझाकर शव को कब्जे में ले लिया और चली गई। मध्य जिला डीसीपी संजय भाटिया ने इस बारे में कहा कि उन्हें ऐसी जानकारी नहीं है।
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मौत की खबर एजेंसियों को दी गई
मध्य जिला पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, बुजुर्ग करोलबाग के बापा नगर में रहते थे। आठ दिन पहले उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उस परिवार के दूसरे सदस्य भी कोरोना पॉजिटिव हैं। दो सदस्य भर्ती हैं। शनिवार रात करीब आठ बजे बुजुर्ग की मौत हुई। अंतिम संस्कार के लिए सूचना संबंधित एजेंसियों को दी गई।
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रातभर घर में ही रखा रहा शव
संबंधित डीएम व एसडीएम को भी इसकी सूचना दी गई, फिर भी किसी एजेंसी ने संज्ञान नहीं लिया। बुजुर्ग का शव पूरी रात घर पर रखा रहा। जब एजेंसियों का कोई जवाब नहीं आया तो परिजन रविवार सुबह शव का अंतिम संस्कार कराने श्मशान घाट गए। चिता को आग के हवाले कर दिया गया। इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी, जिससे पुलिस मौके पर पहुंची और चिता बुझाकर शव कब्जे में ले लिया।
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पड़ोसियों ने लगाया ये आरोप
बताया जा रहा है कि श्मशान घाट में अंतिम संस्कार की बाकायदा पर्ची कटी है। मृतक बुजुर्ग के पड़ोसियों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने नहीं बताया कि वह शव कहां ले गए हैं। पुलिस ने किसी दूसरे तरीके से भी अंतिम संस्कार किया है, तो इसकी भी जानकारी देनी चाहिेए।
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