सरकार की कमाई! मुख्य स्रोत जानकर चौक जायेंगे आप
भारत सरकार की भारतीय सिविल सेवा के अन्तर्गत्त राजस्व सेवा है। यह सेवा वित्त मंत्रालय (भारत) के अधीन राजस्व विभाग के अन्तर्गत्त कार्यरत है। इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रत्यक्ष कर एवं अप्रत्यक्ष करों का संग्रह क केन्द्र सरकार को उपलब्ध कराना है।
नई दिल्ली: सरकार की कमाई के कई स्रोत होते हैं, क्या आपको पता है कि सरकार की क्या कमाई है, और कितने रुपये कमाती है। तो आइये आपको बताते हैं कि सरकार के कमाई के कई स्रोत है...
इनमें प्रमुख तौर पर टैक्स होते हैं। एक रुपए को आधार माने तो सरकार को सबसे ज्यादा 21 पैसे की कमाई कॉरपोरेशन टैक्स और 20 पैसे की कमाई उधार-देनदारियों से होती है।
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क्या होता है टैक्स या कर...
किसी राज्य द्वारा व्यक्तियों या विविध संस्था से जो अधिभार या धन लिया जाता है उसे कर या टैक्स कहते हैं। राष्ट्र के अधीन आने वाली विविध संस्थाएँ भी तरह-तरह के कर लगातीं हैं।
कर प्राय: धन के रूप में लगाया जाता है किन्तु यह धन के तुल्य श्रम के रूप में भी लगाया जा सकता है। कर दो तरह के हो सकते हैं - प्रत्यक्ष कर या अप्रत्यक्ष कर।
एक तरफ इसे जनता पर बोझ के रूप में देखा जा सकता है वहीं इसे सरकार को चलाने के लिये आधारभूत आवश्यकता के रूप में भी समझा जा सकता है।
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आधुनिक सरकारों के लिए कराधान आय का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है। लोकतंत्र में कराधान ही सरकार की राजनीतिक गतिविधियों को स्वरूप प्रदान करता है।
कर करदाता द्वारा किया जाने वाला ऐसा अनिवार्य अंशदान है जो कि सामाजिक उद्देश्य जैसे आय व संपत्ति की असमानता को कम करके उच्च रोजगार स्तर प्राप्त करने तथा आर्थिक स्थिरता व वृद्धि प्राप्त करने में सहायक होता है।
कर एक ऐसा भुगतान है जो आवश्यक रुप से सरकार को उसके बनाए गए कानूनों के अनुसार दिया जाता है। इसके बदले में किसी सेवा प्राप्ति की आशा नहीं की जा सकती है।
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अगर सरकार की कमाई एक रुपए है तो वो जीएसटी सहित दूसरे टैक्स से 19 पैसे और गैर-टैक्स राजस्व से 9 पैसे की कमाई करती है।
सरकार अगर एक रुपए की कमाई करती है तो इनकम टैक्स से उसे 16 पैसे की कमाई होती है. जबकि एक्साइज ड्यूटी से 8 पैसे की कमाई होती है।
एक रुपए को आधार मानें तो सरकार कस्टम से 4 पैसे और गैर ऋण पूंजी प्राप्तियों से 3 पैसे कमाती है।
भारतीय राजस्व सेवा...
भारत सरकार की भारतीय सिविल सेवा के अन्तर्गत्त राजस्व सेवा है। यह सेवा वित्त मंत्रालय (भारत) के अधीन राजस्व विभाग के अन्तर्गत्त कार्यरत है। इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रत्यक्ष कर एवं अप्रत्यक्ष करों का संग्रह क केन्द्र सरकार को उपलब्ध कराना है।
1924 में केन्द्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम ने आयकर अधिनियम के प्रशासन के लिए प्रकार्यात्मक जिम्मेदारी के साथ केन्द्रीय राजस्व बोर्ड सांविधिक निकाय का गठन किया। प्रत्येक प्रांत के लिए आयकर आयुक्त नियुक्त किए गए तथा सहायक आयुक्त तथा आयकर अधिकारी उनके नियंत्रणाधीन रखे गये।
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सर्वोच्य पदों के लिए आई सी एस से अधिकारियों को लिया गया और निम्नतर सोपान पदों को प्रोन्नति के माध्यम से भरा गया। आयकर सेवा की स्थापना 1944 में की गई , जो बाद में भारतीय राजस्व सेवा (आयकर) के नाम से जानी गई।
आयकर अधिकारियों (वर्ग-II) का पहला बैच आई ए और ए एस तथा संबंद्ध सेवाओं के लिए संधीय सेवा आयोग द्वारा संचालित 1943 परीक्षा के माध्यम से बर्ष 1944 में सीधे भर्ती किया गया।