Earthquake in India: राजस्थान से अरूणाचल तक हिली धरती, आधी रात को आए भूकंप से सहमे लोग

Earthquake in India: भारत के कई राज्यों में रविवार की रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, राजस्थान के बीकानेर में रात 2 बजकर 16 मिनट पर भूकंप आया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.2 दर्ज की गई।

Update: 2023-03-26 02:44 GMT
Earthquake in Madhya Pradesh and Chhattisgarh (Photo: Social Media)

Earthquake in India: देश के विभिन्न हिस्सों में एकबार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात राजस्थान और अरूणाचल प्रदेश में धरती डोली। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, राजस्थान के बीकानेर में रात 2 बजकर 16 मिनट पर भूकंप आया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.2 दर्ज की गई। इसका केंद्र बीकानेर से 516 किमी दूर पश्चिम में रहा।

वहीं, चीन सीमा पर स्थित उत्तर-पूर्वी राज्य अरूणाचल प्रदेश के चांगलांग में भी शनिवार-रविवार की रात बजकर 45 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.5 दर्ज की गई। हालांकि, दोनों ही जगहों से जान-माल को नुकसान पहुंचने की कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

मंगलवार को कई राज्यों में डोली धरती

पिछले कुछ समय से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। बीते मंगलवार रात को ही दिल्ली-एनसीआर, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर समेत पूरे नॉर्थ इंडिया में लोगों ने भूकंप के झटकों को महसूस किया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.6 थी। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का हिंदू कुश क्षेत्र था। भूकंप के जोरदार झटके से सहमे लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए थे। हालांकि, जानमाल को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा था।

राजधानी दिल्ली में तो पिछले साल के आखिरी से लेकर अब तक भूकंप के कई झटके आ चुके हैं। तकरीबन हर माह दो-तीन झटके आ ही जाते हैं। चार दिन पहले भी दिल्ली में 2.7 तीव्रता वाला भूकंप आया था। शाम साढ़े 4 बजे अचानक धरती हिल उठी थी। भूकंप का झटका महसूस होते ही फौरन लोग अपने घरों, दुकानों और दफ्तरों से बाहर निकल आए थे। बता दें कि पिछले माह यानी फरवरी में तुर्कीये और सीरिया में अबतक का सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक आया था। दोनों देशों की करोड़ों आबादी इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुई थी।

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