गधियां बनाएंगी सुंदर: इसलिए क्लियोपेट्रा करती थी स्नान, रहस्मय है ये राज
पिता की मृत्यु के बाद मात्र 14 वर्ष की आयु में क्लियोपैट्रा और उसके भाई टोलेमी दियोनिसस को संयुक्त रूप से राज्य प्राप्त हुआ। भाई को राज्य पर क्लियोपेट्रा की सत्ता सहन नहीं हुई और बगावत हो गई।
नई दिल्ली: कहानियों में जब भी राजा-रानियों की बात होती है तो उनकी सुन्दरता की चर्चा जरूर होती है। इतिहास के ऐसी कई रानियों और राजकुमारियों के बारे में आपने पढ़ा होगा जो अपने सौन्दर्य के लिए दुनियाभर में मशहूर थी। अपनी सुंदरता को बरकरार रखने के लिए वे कई तरह के अजीबोगरीब काम भी किया करती थीं।
गधियों के दूध से नहाती थी रानी
अक्सर गाय या भैंस के दूध से नहाने की बात आपने सुनी होगी लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में एक ऐसी भी रानी थी, जो गधियों के दूध से नहाती थी। इसके लिए वो हर रोज 700 गधियों का दूध मंगाया करती है। इस रानी को ना सिर्फ उनकी सुंदरता के लिए जाना जाता है बल्कि उनका जीवन भी काफी रहस्मय रहा था।
क्लियोपेट्रा को सुंदरता की देवी भी कहा जाता था
मिस्र की राजकुमारी क्लियोपेट्रा को सुंदरता की देवी भी कहा जाता था। क्लियोपेट्रा को न सिर्फ उनकी सुंदरता के लिए जाना जाता है बल्कि उनका जीवन भी काफी रहस्मयी रहा था। जो आज भी खोजकर्ताओं को उनकी तरफ आकर्षित करता है। क्लियोपैट्रा जितनी सुंदर थी, उससे कहीं ज्यादा चतुर और षड्यंत्रकारी भी थी।
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जब क्लियोपैट्रा को अपनी सत्ता से हाथ धोना पड़ा
पिता की मृत्यु के बाद मात्र 14 वर्ष की आयु में क्लियोपैट्रा और उसके भाई टोलेमी दियोनिसस को संयुक्त रूप से राज्य प्राप्त हुआ। भाई को राज्य पर क्लियोपेट्रा की सत्ता सहन नहीं हुई और बगावत हो गई। क्लियोपैट्रा को अपनी सत्ता से हाथ धोना पड़ा और सीरिया में शरण लेनी पड़ी मगर इस राजकुमारी ने साहस नहीं छोड़ा। रोम के शासक जूलियस सीजर को अपने मोह में फंसाकर क्लियोपेट्रा ने मिस्र पर हमला करवाया। सीजर ने टोलेमी को मारकर क्लियोपेट्रा को मिस्र के राजसिंहासन पर बैठाया।
क्लियोपेट्रा अपनी सुंदरता के जाल में फंसाकर कर करवाती काम
कहा जाता है कि क्लियोपेट्रा इतनी खूबसूरत थी कि वो राजाओं और सैन्य अधिकारियों को अपनी सुंदरता के जाल में फंसाकर उनसे अपने सारे काम निकलवा लेती थी। इतना ही नहीं उसे दुनिया की 12 से ज्यादा भाषाओं का भी ज्ञान था। यही कारण था कि वो जल्दी ही किसी से भी जुड़ जाती थी और उसके सारे राज जान लेती थी।
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इसलिए ख़ास है गधी का दूध
क्लियोपेट्रा खूबसूरत दिखने के लिए हर रोज 700 गधी का दूध मंगाती थी और उससे नहाती थी, जिससे उसकी त्वचा हमेशा खूबसूरत बनी रहती थी। हाल ही में हुए एक शोध में भी यह बात साबित हुई है। तुर्की में हुए एक अध्ययन के अनुसार, एक शोध के दौरान जब चूहों को गाय और गधी का दूध पिलाया गया तो गाय का दूध पीने वाले चूहे ज्यादा मोटे नजर आए। इससे यह साबित होता है कि गधी के दूध में गाय के दूध की तुलना में कम वसा होता है, जो हर लिहाज से बेहतर होता है।
क्लियोपेट्रा मिस्र पर शासन करने वाली अंतिम फराओ थीं
कहा जाता है कि क्लियोपेट्रा मिस्र पर शासन करने वाली अंतिम फराओ थीं। हालांकि वह अफ्रीकी, कॉकेशियस या युनानी थीं, ये अभी तक रहस्य ही बना हुआ है। इस पर आज तक शोध जारी है। क्लियोपेट्रा की मौत महज 39 वर्ष की आयु में ही हो गई थी, लेकिन उसकी मौत कैसे हुई, ये भी आज तक रहस्य ही बना हुआ है।
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क्लियोपेट्रा ने सांप से डंक लगवाकर आत्महत्या कर ली थी
कुछ लोगों का मानना है कि क्लियोपेट्रा ने सांप से डंक लगवाकर आत्महत्या कर ली थी, तो वहीं कुछ लोग कहते हैं कि उसकी मौत मादक पदार्थ (जहर) के सेवन से हुई थी। इसके अलावा कुछ लोगों का यह भी मानना है कि सांप से कटवाकर उसकी हत्या कर दी गई थी।