टोल टैक्स में नहीं मिलेगी हर किसी को छूट, सरकार ने नियम में किया ये खास बदलाव

देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी के मद्देनजर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने भी कई नये नियम बनाये हैं। जिसमें से एक नियम गाड़ियों पर फास्टैग लगाने से जुड़ा हुआ है।

Update: 2020-08-29 05:19 GMT
अब जो  नियम बनाया है उसके अंतर्गत 24 घंटे के अंदर किसी भी स्थान से वापस आने पर टोल टैक्स में छूट सिर्फ उन्हीं गाड़ियों को मिलेगी, जिनमें फास्टैग चस्पा होगा।

नई दिल्लीः देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी के मद्देनजर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने भी कई नये नियम बनाये हैं। जिसमें से एक नियम गाड़ियों पर फास्टैग लगाने से जुड़ा हुआ है। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि टोल प्लाजा पर कटने वाले टैक्स का भुगतान भी ऑनलाइन हो।

इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने जनता को आकर्षित करने के लिए एक और नये नियम की घोषणा की है। तो आइये हम आपको बताते हैं क्या है वो नया नियम:-

दरअसल केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने अब जो नियम बनाया है उसके अंतर्गत 24 घंटे के अंदर किसी भी स्थान से वापस आने पर टोल टैक्स में छूट सिर्फ उन्हीं गाड़ियों को मिलेगी, जिनमें फास्टैग चस्पा होगा।

कहने का मतलब ये है कि यदि आप अपनी गाड़ी से किसी जगह जा रहे हैं और वहां से आप 24 घंटे के भीतर ही वापस लौटते हैं, तो टोल टैक्स की रकम में आपको तभी छूट मिलेगी,जब आपकी गाड़ी में फास्टैग लगा होगा। अभी तक यह सुविधा सभी के लिए थी, लेकिन अब टोल टैक्स का कैश भुगतान करने वालों को यह छूट नहीं मिलेगी।

टोल प्लाजा की फाइल फोटो

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अकाउंट से कटेगी टैक्स की राशि

ध्यान देने वाली बात ये है कि अब नए नियम के तहत यदि आप 24 घंटे के भीतर वापस लौट रहे हैं, तो टोल प्लाजा पर आपके फास्टैग खाते से खुद ही डिस्काउंट के बाद बची हुई टैक्स की रकम कट जाएगी। केंद्र सरकार ने पिछले साल ही देश में फास्टैग के इस्तेमाल को कम्पलसरी किया था। लेकिन अभी भी ये प्रोसेस कम्प्लीट नहीं हो पाया है और टोल प्लाजा पर कैश के तौर पर टोल टैक्स वसूला जा रहा है।

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गाड़ियों पर चस्पा फास्टैग डिवाइस की फाइल फोटो

क्या है ये फास्टैग

आपको बता दें कि दरअसल फास्टैग एक छोटी से डिवाइस है, जिसे किसी स्टिकर की तरह गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। यह रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) के आधार पर काम करता है। टोल प्लाजा पर लगे स्कैनर इस टैग को स्कैन करते हैं और फिर टोल की रकम अकाउंट से अपने आप कट जाती है।

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