चीन की नई शरारत: जवानों के साथ टैंकों व तोपों की तैनाती, भारत देगा मुंहतोड़ जवाब
चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के कारण भारतीय सेना भी अलर्ट मोड पर है और इलाके में भारतीय जवानों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत के बावजूद दोनों देशों के बीच तनाव कम होता नहीं दिख रहा है। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों में तनाव के बीच हालात काफी नाजुक बन गए हैं। चीन पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी इलाके स्पांगुर गैप में नई शरारत पर उतर आया है और चीन की ओर से भारी संख्या में सैनिकों के साथ ही टैंक और तोपों की तैनाती भी कर दी गई है। चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के कारण भारतीय सेना भी अलर्ट मोड पर है और इलाके में भारतीय जवानों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है। इस बीच विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच छठवें दिन भी बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकल सका।
भारतीय सेना जवाब के लिए तैयार
सूत्रों का कहना है कि चुशूल के पास पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित ऊंचाई वाले इलाकों पर भारतीय सेना के कब्जे के बाद चीन की सेना बौखलाई हुई है। बौखलाए चीन ने गुरुंग हिल और मगर हिल के बीच इस स्पांगुर गैप में अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। चीन की ओर से टैंक व तोपों की तैनाती भी की गई है।
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चीनी सेना की बढ़ती गतिविधियों पर भारतीय सेना की पैनी नजर है और भारतीय सेना की ओर से इस इलाके में जवानों की तैनाती बढ़ाने के साथ टैंक और तोपों की तैनाती की गई है। दोनों देशों के जवान आमने-सामने हैं और इलाके में हालात नाजुक बने हुए हैं।
मिलिशिया स्क्वॉड को सौंपी जिम्मेदारी
सूत्रों का कहना है कि इस इलाके में अपने सैनिकों और हथियारों की तैनाती से चीन भारतीय सेना पर ऊंचाई वाले इलाकों से पीछे हटने का दबाव बनाना चाहता है। चीन ने यह जिम्मेदारी मिलिशिया स्क्वॉड को सौंपी है जो कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की रिज़र्व फोर्स है। इस स्क्वॉड के जवान पहाड़ी इलाकों में काम करने में विशेषज्ञ होते हैं और इसके साथ ही उन्हें मुक्केबाजी की ट्रेनिंग भी हासिल होती है। इसी कारण पीएलए की मदद करने के लिए अब इस स्क्वॉड की तैनाती की गई है।
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इस बीच भारतीय सेना की ओर से एक बार फिर स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर चीनी सैनिक कोई भी भड़काऊ कदम उठाते हैं तो भारत की ओर से उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। जानकार सूत्रों का कहना है कि चीन के जवान पैंगोंग के उत्तरी किनारे पर स्थित फिंगर 4 क्षेत्र में भी यथास्थिति बदलने और कब्जा करने की नीयत से डेरा डाले हुए हैं। भारतीय सेना ने चीन को जवाब देने के लिए इलाके के कुछ ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारतीय जवानों की तैनाती कर दी है।
दोनों देशों में बातचीत फिर बेनतीजा
इस बीच दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए सैन्य स्तर पर चल रही बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल पा रहा है। देशों के बीच शनिवार को भी लगातार छठवें दिन सैन्य स्तर पर बातचीत हुई मगर इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला।
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चुशूल में सुबह 11 बजे शुरू हुई बैठक दोपहर 3 बजे तक चली। बातचीत में उन इलाकों से सेना को हटाने पर चर्चा हुई जहां दोनों देश के जवान आमने-सामने हैं। चार घंटे तक चली चर्चा के बावजूद इस मुद्दे का कोई हल नहीं निकल सका।
अगले हफ्ते हो सकती है महत्वपूर्ण बातचीत
दोनों देशों के बीच तनाव घटाने के लिए विदेश मंत्रियों की बातचीत के बाद सेना ने लेफ्टिनेंट जनरल की वार्ता के लिए तैयारियां पूरी करने हैं। हालांकि अभी बातचीत की तारीख नहीं तय हुई है मगर सूत्रों का कहना है कि यह बातचीत अगले सप्ताह हो सकती है। विदेश मंत्रियों के बीच बनी पांच सूत्रीय सहमति के आधार पर सेना की ओर से बातचीत की रणनीति तैयार की गई है।
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सेना को उम्मीद है कि यदि चीन भी इसी तैयारी के साथ बैठक में हिस्सा लेता है और तनाव कम करने की इच्छा दिखाता है तो इस बैठक से अच्छे नतीजे निकल सकते हैं। पहले भी दोनों देशों के बीच कार्प कमांडर स्तर की बातचीत हुई है मगर चीन के सहमति के बिंदुओं से मुकर जाने के कारण बातचीत के बेहतर नतीजे नहीं निकल सके हैं।