भारत को एलएसी में कोई बदलाव मंजूर नहीं, चीन को मुंहतोड़ जवाब देगी सेना
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन के अड़ियल रुख को देखते हुए भारत ने अपनी सेनाएं किसी भी हालत में कम न करने का फैसला किया है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन के अड़ियल रुख को देखते हुए भारत ने अपनी सेनाएं किसी भी हालत में कम न करने का फैसला किया है। इसके साथ ही चीन को साफ संदेश दिया गया है कि भारत एलएसी में किसी भी प्रकार के बदलाव के प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगा। यदि ऐसा करने की कोशिश की गई तो भारत चीन को मुंहतोड़ जवाब देगा। सुरक्षा से जुड़े शीर्ष अधिकारियों की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई महत्वपूर्ण बैठक में ये बातें उभरकर सामने आईं।
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चीन ने अपना रखा है अड़ियल रुख
बैठक में मुख्य रूप से पूर्वी लद्दाख में चीन के अड़ियल रुख से पैदा हुए गतिरोध की समीक्षा की गई। चीन के रुख को देखते हुए भविष्य की रणनीति पर भी चर्चा की गई। सूत्रों के मुताबिक बैठक में बताया गया कि चीन से अभी तक कई दौर की बातचीत और उसकी सेना के कदमों से साफ है कि पड़ोसी देश पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सामान्य स्थिति बहाल करने को लेकर तनिक भी गंभीर नहीं है।
चीन के रुख में अभी तक कोई खास बदलाव आता नहीं दिख रहा है और वह अग्रिम मोर्चों पर अपने अवैध कब्जे को बनाए रखने पर अड़ा हुआ है। सच्चाई यह है कि वह बातचीत के जरिए समय को लंबा खींचने की कोशिश कर रहा है और इसकी आड़ में अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत करने में जुटा हुआ है।
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महत्वपूर्ण बैठक में की गई समीक्षा
इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सीडीएस जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल कर्मवीर सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया भी मौजूद थे।
कभी नहीं पूरी होगी चीन की मंशा
चीन के साथ हुई बातचीत में भारतीय सेना की ओर से साफ कर दिया गया है कि एलएसी में बदलाव की चीनी मंशा कभी पूरी नहीं होने दी जाएगी। यदि चीन की सेना एलएसी पर अपने कदम वापस नहीं खींचती है तो उसे भारत की ओर से मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। भारत की ओर से एलएसी पर सैनिकों की संख्या में तनिक भी कमी नहीं की जाएगी और चीन को अपने अड़ियल रुख का दुष्परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।
चीन भी खोज रहा बहाना
सूत्रों का कहना है कि भारतीय सेना के कड़े रुख को देखकर चीन भी सहमा हुआ है और अपने कदम वापस खींचने का बहाना खोज रहा है मगर उसे इसमें कामयाबी नहीं मिल सकी है। यही कारण है कि दोनों देशों के बीच में कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ता होने के बावजूद अभी तक अपेक्षित परिणाम नहीं निकल सके हैं। गत गुरुवार को भी दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई थी मगर उसका भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।
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भारत ने शुरू कर दीं सर्दी की तैयारियां
इस महत्वपूर्ण बैठक में थल सेना अध्यक्ष एमएम नरवणे ने भारत की रक्षा तैयारियों पर एक प्रेजेंटेशन भी दिया। उन्होंने बताया कि भारत एलएसी पर चीन की गतिविधियों के कारण काफी सतर्क है। उन्होंने देश की सैन्य तैयारियों और सैनिकों व हथियारों की तैनाती के बारे में भी जानकारी दी। सर्दी के मौसम के दौरान एलएसी पर पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए बनाई गई रणनीति के बारे में भी बैठक में जानकारी दी गई।
पूर्व की स्थिति बहाल करने पर जोर
सूत्रों का कहना है की भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि चीनी सेना पीछे हटे और घुसपैठ से पूर्व की अप्रैल वाली स्थिति कायम की जाए। लेकिन इस मामले में चीन टालमटोल की नीति अपनाकर समय बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। चीन के अड़ियल रुख को देखते हुए भारतीय सेना की ओर से सर्दियों को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। सेना ने फैसला किया है कि इस बार ठंड के दौरान बर्फबारी वाले इलाकों में भी सेना पूरी तरह मुस्तैद रहेगी और चीन की चालबाजी का मुंहतोड़ जवाब देगी।
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