सेना झड़प का खुलासा: चीन की नीयत खोटी, सामने आया सबसे बड़ा सबूत

चीन बातचीत के साथ अपनी विस्तारवादी नीति के अमल में जुटा है। इसी लिए कमांडर स्तर की बातचीन से ठीक पहले 20 जनवरी को भारत और चीन के जवानों के बीच फिर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर झड़प की खबर सामने आई है।

Update:2021-01-25 15:18 IST
चीन बातचीत के साथ अपनी विस्तारवादी नीति के अमल में जुटा है। इसी लिए कमांडर स्तर की बातचीन से ठीक पहले 20 जनवरी को भारत और चीन के जवानों के बीच फिर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर झड़प की खबर सामने आई है।

रामकृष्ण वाजपेयी

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पिछले साल मई की शुरुआत से सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। चीन बातचीत के साथ अपनी विस्तारवादी नीति के अमल में जुटा है। इसी लिए कमांडर स्तर की बातचीन से ठीक पहले 20 जनवरी को भारत और चीन के जवानों के बीच फिर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर झड़प की खबर सामने आई है। ताजा झड़प तीन दिन पहले सिक्किम के नाकू ला में हुई जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कुछ सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में बढ़ने की कोशिश की।

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ना कूला क्षेत्र में झड़प

सीमा पर तैनात भारतीय सेना के चौकस जवानों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें रोक दिया। इस झड़प में चीन के 20 सैनिकों के घायल होने तथा भारत के चार सैनिकों के बहादुरी से लड़ते हुए घायल होने की खबर है। हालांकि चीन समर्थित ग्लोबल टाइम्स का कहना है कोई चीनी सैनिक घायल नहीं हुआ है।

इस झड़प पर भारतीय सेना ने कहा कि 20 जनवरी 2021 को उत्तरी सिक्किम के ना कूला क्षेत्र में एक मामूली झड़प हुआ था और स्थानीय कमांडरों ने इसे स्थापित प्रोटोकॉल के सुलझा लिया है। सेना ने मीडिया से अनुरोध किया है कि वे उन रिपोर्टों को ओवरप्ले करने या अतिरंजित करने से बचें जो तथ्यात्मक रूप से गलत हैं।

फोटो-सोशल मीडिया

रिपोर्टों के मुताबिक चीन द्वारा भारतीय सीमा के साथ कई स्थानों पर भूमि पर कब्जा करने के अब तक कई प्रयास कर चुका है। ताजा झड़प से पहले लद्दाख और सिक्किम में पैंगॉन्ग त्सो, हॉट स्प्रिंग्स, गालवान वैली, कुंगरंग नाला, देपसांग, गुरुंग हिल और रेचिन ला में गतिरोध, झड़पें और घटनाएं हुई हैं।

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नया मोर्चा खोल दिया

29 जून 2020 को चीन ने सीमा विवाद में एक नया मोर्चा खोलते हुए भूटान के त्रशींग जिले में स्थित सक्तेग वन्यजीव अभयारण्य पर दावा करते हुए एक नया मोर्चा खोल दिया।

लद्दाख के बाद, चीन अब ने भूटानी क्षेत्र पर दावा किया। वैश्विक पर्यावरण सुविधा परिषद की 58 वीं बैठक में, चीन ने कहा कि भूटान में सकतेंग वन्यजीव अभयारण्य का क्षेत्र विवाद में था।

फोटो-सोशल मीडिया

जबकि अभयारण्य का क्षेत्र पिछले कई वर्षों में कभी भी विवादित नहीं रहा। हालांकि, भूटान और चीन के बीच कोई सीमांकन नहीं है। भूटान ने स्पष्ट कर दिया है कि सक्तेग वन्यजीव अभयारण्य भूटान का एक अभिन्न और संप्रभु क्षेत्र है।

गलवान घाटी संघर्ष के बाद जुलाई के अंत और अगस्त की शुरुआत में, लद्दाख के अलावा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे, उत्तरी सिक्किम के कुछ हिस्सों और अरुणाचल प्रदेश के अलावा अन्य स्थानों पर चीनी सैनिकों के जमाव की खबरें सामने आईं। भारत ने दक्षिण चीन सागर में एक युद्धपोत तैनात किया।

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तनाव कम करने को लेकर बातचीत

उधर रविवार को मोल्डो में भारत और चीन ने नौंवे दौर की कॉर्प्स कमांडर स्तर की लंबी बातचीत की जो देर रात ढाई बजे तक चली। 15 घंटे तक चली इस वार्ता में सीमा पर तनाव कम करने को लेकर बातचीत हुई। वार्ता के दौरान भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि टकराव वाले क्षेत्रों में डिसइंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चीन के ऊपर है।

सिक्किम के नाकू ला में चीनी सेना द्वारा घुसपैठ की ताजा कोशिश उस समय की गई है जब चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख से अपने 10 हजार जवानों को हटाया है। सरकार के सूत्रों के अनुसार, चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख के अलावा सिक्किम सहित कई स्थानों से अपनी तैनाती को कम किया है लेकिन भारतीय जवान अपनी पोजीशन पर मुस्तैद हैं और डटे हैं। वे चीन की किसी भी नापाक हरकत का जवाब देने में सक्षम हैं।

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