मंहगाई से मिलेगा छुटकारा: जल्द मोदी सरकार करेगी इसमें सुधार
वित्तीय कारोबार करने वाली कंपनी यूबीएस का अनुमान है कि नरमी के इस दौर में भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट अपना निम्नतम स्तर जून में समाप्त तिमाही में देख चुकी है। यहां से इसमें गिरावट का अनुमान नहीं है। हालांकि इसमें यहां से सुधार की प्रक्रिया लंबी खिंच सकती है और यह बाजार के अनुमानों से कम रह सकती है।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री रह चुके पूर्व प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह ने बीते दिनों इकॉनमिक स्लोडाउन के लिए सीधे तौर पर मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि यह मैन मेड क्राइसिस है, जो ख़राब प्रबंधन के चलते पैदा हुआ है। उन्होंने ऐसा इस लिए कहा कि जून तिमाही में देश की विकास दर (GDP) घटकर 5 फीसदी पर आ गई है।
सुधार की प्रक्रिया लंबी खिंच सकती है
पिछले तकरीबन 6 साल में यह सबसे धीमी विकास दर है। इसके बाद अब वित्तीय कारोबार करने वाली कंपनी यूबीएस का अनुमान है कि नरमी के इस दौर में भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट अपना निम्नतम स्तर जून में समाप्त तिमाही में देख चुकी है। यहां से इसमें गिरावट का अनुमान नहीं है। हालांकि इसमें यहां से सुधार की प्रक्रिया लंबी खिंच सकती है और यह बाजार के अनुमानों से कम रह सकती है।
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रिकवरी में कुछ लंबा समय लग सकता है
देश की वित्तीय स्थिति पर कंपनी की ताजा रिपोर्ट यूबीएस इंडिया फाइनेंशियल कंडीशंस इंडेक्स में कहा गया था कि ग्रोथ रेट में गिरावट जून तिमाही में अपना लो लेवल छू चुकी है। सर्वे बेस्ड इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की सुस्त इकोनॉमिक ग्रोथ से देश में मांग और पूंजीगत निवेश गिरा है. कंपनियों के निर्यात की संभावनाएं प्रभावित हुई हैं । आगे ग्रोथ रेट में रिकवरी आने में कुछ लंबा समय लगेगा। आने वाले दिनों में ग्रोथ रेट बाजार के अनुमानों से कम रह सकती है।
कंपनियों के सीईओ ये कहा
यूबीएस एबीडेंस लैब सर्वे में कंपनियों के 267 मुख्य कार्यकारियों और मुख्य वित्त अधिकारियों की राय ली गयी है। यह सर्वेक्षण जुलाई 2019 में किया गया।
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बता दें कि भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट जून तिमाही में घट कर 5 फीसदी पर आ गई जो 6 साल का सबसे निचला स्तर है। सर्वे में 50 फीसदी कंपनी-अधिकारियों ने कहा कि अगले 12 महीने तक में ग्रोथ ज्यादा से ज्यादा 10 फीसदी तक सीमित रहेगी, जो ‘मध्यम’ कही जा सकती है।
पिछले तकरीबन 6 साल में यह सबसे धीमी विकास दर है
बीती जून तिमाही में देश की विकास दर घटकर 5 फीसदी पर आ गई है। इसका मतलब यह कि अप्रैल-जून 2019 की अवधि में देश की अर्थव्यवस्था पांच फीसदी की दर बढ़ी है। पिछले तकरीबन 6 साल में यह सबसे धीमी विकास दर है। केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (CSO) की ओर से शुक्रवार को जारी चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के जीडीपी आंकड़े जारी किए गए थे।