Jaipur Express Firing: ट्रेन गोलीकांड का बड़ा खुलासा, डयूटी से जल्दी छुट्टी मांग रहा था कांस्टेबल
Jaipur Mumbai Train Firing: जयपुर - मुंबई एक्सप्रेस में एस्कॉर्ट आरपीएफ कांस्टेबल द्वारा गुस्से के पागलपन में अंधाधुंध फायरिंग किये जाने की वजह ड्यूटी से जल्दी छुट्टी नहीं मिलना बताया गया है।
Jaipur Mumbai Train Firing: जयपुर - मुंबई एक्सप्रेस में एस्कॉर्ट आरपीएफ कांस्टेबल द्वारा गुस्से के पागलपन में अंधाधुंध फायरिंग किये जाने की वजह ड्यूटी से जल्दी छुट्टी नहीं मिलना बताया गया है। इस मामले में दर्ज एफआईआर के मुताबिक कांस्टेबल चेतन सिंह अपने सीनियर एएसआई टीकाराम मीणा से बार बार कह रहा था कि उसे जल्दी रिलीव कर दें। इनकार करने से नाराज 33 वर्षीय कांस्टेबल चेतन सिंह ने उप-निरीक्षक टीकाराम मीना (57) पर चार गोलियां चला दीं। चेतन सिंह यूपी में बुलंदशहर का रहने वाला है।
तबियत खराब थी
एफआईआर के अनुसार, आरोपी कांस्टेबल चेतन सिंह ने बताया था कि उसकी तबियत ठीक नहीं है जिसके कारण वह अपनी शिफ्ट खत्म होने से कुछ घंटे पहले ड्यूटी से मुक्त होना चाहता था, लेकिन जब उसके वरिष्ठों ने उसकी ड्यूटी पूरी करने पर जोर दिया, तो इससे वह उत्तेजित हो गया, जिसके बाद उसने मीणा तथा ट्रेन में तीन अन्य यात्रियों को गोली मार दी।
बोरीवली जीआरपी को दिए गए एक अन्य बयान में आरपीएफ कांस्टेबल अमय आचार्य के अनुसार, “सिंह, मीणा और तीन अन्य टिकट चेकर सोमवार को तड़के पैंट्री कोच में मुझसे मिले थे। मीणा ने मुझे बताया कि चेतन सिंह अस्वस्थ है जिसके बाद मैंने जांच करने के लिए उसे छू कर देखा कि बुखार है कि नहीं लेकिन पता नहीं लगा। चेतन सिंह ने ड्यूटी से जल्दी रिलीव किये जाने और वलसाड रेलवे स्टेशन पर छोड़े जाने पर जोर दिया। हालांकि, मीणा उसे समझाने की कोशिश कर रहे थे कि वे दो या तीन घंटे में मुंबई पहुंच जाएंगे। मीणा उसपर अपनी ड्यूटी पूरी करने पर जोर दे रहे थे।
कंट्रोल रूम को दी सूचना
बयान के अनुसार, जब चेतन सिंह नहीं माना तो मीणा ने मुंबई सेंट्रल कंट्रोल रूम को सूचित किया, जहां से यही कहा गया कि सिंह को समझाया जाए। एएसआई ने अपने सहायक सुरक्षा आयुक्त सुजीत कुमार को भी कॉल की उन्होंने भी सिंह समझाने की कोशिश की लेकिन सिंह किसी की बात सुनने को तैयार नहीं था।
बयान के अनुसार, मीणा ने आचार्य से चेतन के लिए कोल्ड ड्रिंक लाने को कहा और चेतन सिंह से कुछ देर आराम करने को कहा। आचार्य के अनुसार - “जब वह आराम कर रहा था तो मैं उसके बगल में बैठा था। लेकिन 10 - 15 मिनट बाद वह अचानक उठा और जबरदस्ती मुझसे राइफल छीनने लगा। मैं राइफल देने को तैयार नहीं था, इसलिए उसने मेरा गला घोंटने की भी कोशिश की।"
आचार्य के अनुसार इस बीच उसे एहसास हुआ कि सिंह ने उसकी राइफल ले ली है, जिसके बाद आचार्य ने अन्य आरपीएफ कर्मियों के साथ सिंह का पीछा किया और राइफल ले ली। इस बीच चेतन ने अपनी राइफल पकड़ ली। वह बहुत गुस्से में था। मीणा अभी भी उसे समझाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन चेतन सिंह लगातार बहस करता रहा। मैंने भी बीच-बचाव कर उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन वह हम दोनों की एक भी नहीं सुन रहा था. इसलिए मैंने वहां से चले जाने का फैसला किया।
5 बजे पता चला
आचार्य के बयान के अनुसार, सुबह लगभग 5 बजे, जब वह दूसरे कोच में था तभी उनके साथी का फोन आया जिसने बताया कि सिंह ने मीणा को गोली मार दी है। आचार्य ने पुलिस को बताया, "मुझे डर था कि वह मुझ पर गोलियां चला देगा, इसलिए मैं वॉशरूम के अंदर जाकर छिप गया।" और दस मिनट बाद, उसने देखा कि ट्रेन मीरा रोड और दहिसर रेलवे स्टेशन के बीच रुकी थी। इसके बाद, उन्होंने देखा कि तीन अन्य यात्रियों को गोली मार दी गई थी, जबकि सिंह जो अपनी सर्विस राइफल के साथ ट्रैक पर उतर गया था, उसे पकड़ लिया गया।
क्यों मारी यात्रियों को गोली
चेतन सिंह ने तीन यात्रियों को क्यों गोली मारी, ये साफ नहीं है। क्या उनसे कोई झगड़ा हो गया था? ड्यूटी से जल्दी रिलीव न किये जाने और यात्रियों से क्या संबंध है? इन सवालों के जवाब मिलना बाकी हैं।