Jammu & Kashmir : किश्तवाड़ में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के जेसीओ शहीद, 3 अन्य जवान घायल
Jammu & Kashmir : जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के विशेष बलों के एक जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) शहीद हो गए।
Jammu & Kashmir : जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच रविवार को मुठभेड़ हुई। इस दौरान भारतीय सेना के एक जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) शहीद हो गए, जबकि तीन घायल हैं। जवान की पहचान नायब सूबेदार राकेश कुमार के रूप में हुई है।
भारतीय सेना ने कहा कि जनरलउपेंद्र द्विवेदी, सीओएएस और भारतीय सेना के सभी रैंक के अधिकारी बहादुर एनबी सब राकेश कुमार के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में अपना कर्तव्य निभाते हुए जीवन बलिदान कर दिया। सब-इंस्पेक्टर राकेश 09 नवंबर, 2024 को किश्तवाड़ के सामान्य क्षेत्र में शुरू किए गए संयुक्त ऑपरेशन का हिस्सा थे। हम इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ खड़े हैं।
सर्च अभियान के दौरान हुई मुठभेड़
बीते दिन ग्राम रक्षा रक्षक नजीर अहमद और कुलदीप कुमार की हत्या के बाद भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान संयुक्त रूप में सर्च अभियान चला रहे थे। इसी दौरान आतंकियों से मुठभेड़ शुरू हो गई। जिसमें भारतीय सेना के जेसीओ राकेश कुमार शहीद हो गए और तीन अन्य घायल हैं। आतंकियों ने गुरुवार को रक्षा रक्षकों का अपहरण करके हत्या कर दी थी। इसके बाद कुंतवाड़ा और केशवान के जंगलों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया। यह अभियान आतंकियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी के आधार पर चलाया गया।
इससे पहले भी हो चुकी मुठभेड़
एक दिन पहले ही बारामूला के सोपोर में सुरक्षा बलों और आंतकियों के बीच मुठभेड़ हो गई है। इस दौरान एक आतंकवादी ढेर हो गया। इससे पहले 29 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के अखनूर में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें तीन आतंकी मारे गए थे। अखनूर सेक्टर के बट्टल इलाके में सेना के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी के बाद सुरक्षाबलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूरे इलाको को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया। अब तक चल रहे अभियान में 3 आतंकवादी मारे गए हैं। वहीं, ऑपरेशन के दौरान गोली लगने से चार वर्षीय बहादुर सेना के कुत्ते फैंटम की मौत हो गई। पहली बार सेना ने अपने चार बीएमपी-2 पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों को निगरानी के लिए लगाया है और हमले वाली जगह के आसपास घेराबंदी को मजबूत किया है।
- 24 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर में एलओसी के पास गुलमर्ग के नागिन क्षेत्र आतंकियों ने सेना के वाहन पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में दो जवान शहीद हो गए हैं और सेना में काम करने वाले दो पोर्टर की मौत हो गई है।
- 20 अक्टूबर को आतंकियों ने जैडमोढ़ सुरंग परियोजना के शिविर पर हमला कर दिया था। इस हमले में सात मजदूरों की मौत हो गई थी, जबकि पांच लोग घायल हुए थे। यह परियोजना श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोजिला की तलहट्टी में सोनमर्ग के पास है। पुलिस की शुरुआती जांच से पता चलता है कि मजदूरों को निशाना बनाने वाले आतंकी पाकिस्तानी घुसपैठिए हो सकते हैं, ये संभवत: बांदीपुर से जिले में आए थे। हालांकि अभी तक हमले के बारे में कोई विश्वसनीय सुराग नहीं मिला है। इससे पहले 3 अक्टूबर को बारामूला में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी।
जम्मू में बढ़े आतंकी हमले
जम्मू क्षेत्र में हाल के महीनों में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। जुलाई में डोडा जिले में एक मुठभेड़ में एक अधिकारी और एक पुलिस अधिकारी समेत सेना के चार जवान शहीद हो गये थे। पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक अलग समूह कश्मीर टाइगर्स ने हमले की जिम्मेदारी ली थी।