आज की गुपकार मीटिंग पर सभी की निगाहें, जम्मू पर क्या रहेगा नेताओं का रुख

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दरअसल जम्मू को साथ लिए बगैर अकेले कश्मीर के दम पर किसी भी राजनीतिक दल को राज्य में कभी सरकार बनाने का मौका नहीं मिल पाएगा। अलगाववाद की भावना जम्मू के बजाय कश्मीर घाटी में ज्यादा असर दिखाती रही है

Update: 2020-11-07 04:49 GMT
अमित शाह के इस बयान के बाद से माना जा रहा है कि अब ये मुद्दा आगे और भी ज्यादा तूल पकड़ने वाला है। कांग्रेस पार्टी भी चुप नहीं बैठने वाली है।

जम्मू: पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती के एक दिन पहले जम्मू पहुंचने के बाद आज सभी की निगाहें गुपकार मीटिंग पर टिकी हुई हैं दोपहर बाद नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला भी जम्मू पहुंच रहे हैं सभी नेताओं की आज होने वाली गुपकर बैठक में महत्वपूर्ण यह होगा कि जम्मू को लेकर नेताओं का रुख क्या रहने वाला है हालांकि घाटी से निकलकर जम्मू पहुंचते ही महबूबा मुफ्ती का सुर बदल चुका है।

घाटी में रहकर आजाद कश्मीर का नारा बुलंद करने वाली पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती शुक्रवार को जब जम्मू पहुंची तो उनके हाव-भाव और अंदाज बदले हुए दिखाई दिए। उन्होंने जम्मू को कश्मीर का बराबर का साथी बताते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर दोनों के अधिकारों की रक्षा करनी है। नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला भी इसी तरह का बयान दे चुके हैं कि जम्मू के बगैर कश्मीर का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने यह भी याद दिलाने की कोशिश की है कि नेशनल कान्फ्रेंस ने जम्मू के विकास के लिए कई अहम फैसले किए हैं।

पीडीपी और नेशनल कान्फ्रेंस नेताओं के सुर बदले

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दरअसल जम्मू को साथ लिए बगैर अकेले कश्मीर के दम पर किसी भी राजनीतिक दल को राज्य में कभी सरकार बनाने का मौका नहीं मिल पाएगा। अलगाववाद की भावना जम्मू के बजाय कश्मीर घाटी में ज्यादा असर दिखाती रही है। कश्मीर की बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी को इसके लिए हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाता रहा है। यही वजह है कि कश्मीर घाटी से निकलकर जम्मू में आने के साथ ही पीडीपी और नेशनल कान्फ्रेंस नेताओं के सुर बदलने लगे हैं।

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हिंदू संगठनों ने तीखा विरोध

पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती शुक्रवार को जम्मू पहुंची। हवाई अड्डे पर उनका हिंदू संगठनों ने तीखा विरोध किया लेकिन पुलिस के सुरक्षा में उन्हें गेस्ट हाउस पहुंचाया गया। उन्होंने एक धार्मिक स्थल का दौरा भी किया और पार्टी के कुछ नेताओं के साथ मुलाकात की है। वह 3 दिन तक जम्मू में रहेंगी। इस दौरान शनिवार को गुपकार समूह की बैठक होने जा रही है।

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नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला और फारुख अब्दुल्ला दोपहर में जम्मू पहुंच रहे हैं समझा जा रहा है कि शाम को गुपकार मीटिंग में सभी नेता जम्मू को लेकर अपनी रणनीति तय करेंगे। महबूबा की जम्मू यात्रा का मकसद भी जम्मू के लोगों की भावनाओं को समझना है और उसके अनुरूप ही गुपकार की बैठक में बातचीत की जाएगी।

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गुपकार नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं को 370 और 35a के मामले में अपना स्टैंड बताने की कोशिश की है। जबकि जम्मू कश्मीर में जमीन की खरीद बिक्री को लेकर नियमों में किए गए बदलाव को लेकर पार्टी नेता लोगों का मूड भांपने की कोशिश में है। फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला शनिवार को जम्मू पहुंच रहे है. 2.15 बजे वो जम्मू में विमान से पहुंचेंगे करेंगे और 2.30 बजे वो पार्टी ऑफिस जा कर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. देर शाम गुपकार बैठक होगी जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।

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