कन्हैया कुमार राजद्रोह मामला: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका, कहा- नहीं दिया जा...

Update: 2020-02-24 11:28 GMT

नई दिल्ली: जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ राजद्रोह से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली सरकार को बड़ी राहत मिली है। इस मामले में दिल्‍ली सरकार की ओर से अभी तक मुकदमा चलाने को मंजूरी नहीं मिली है। इसको लेकर वकील अमित साहनी ने याचिका दाखिल कर इस मामले में दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की थी।

इस याचिका के अंतर्गत मांग की गई थी कि कोर्ट एक समय-सीमा तय करे जिसके तहत राज्य सरकार राजद्रोह का मुकदमा चलाने की इजाजत दे। हालांकि, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई डायरेक्शन नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने दायरकर्ता को इस मामले में निचली अदालत में जाने को कहा है।

इससे पहले 19 फरवरी 2019 को दिल्ली पुलिस ने ट्रायल कोर्ट को बताया था कि अभी तक इस मामले में दिल्ली सरकार ने केस चलाने की इजाजत नहीं दी है। जज ने सरकारी वकील से पूछा था कि क्या आपने दिल्ली सरकार को केस चलाने की इजाजत देने के लिए रिमाइंडर नोटिस दिया है? इस पर दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि रिमाइंडर नोटिस नहीं दिया गया है।

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क्या था मामला...?

9 फरवरी 2016 को जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमीत आनंद की कोर्ट में 1200 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। इस चार्जशीट में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान के अलावा सात कश्मीरियों को भी आरोपी बनाया गया है।

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आपको बता दें इससे पहले दिसंबर 2019 में हाई कोर्ट ने भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग की याचिका कर दी थी। हाई कोर्ट ने जेएनयू देशद्रोह मामले में सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी का निर्देश देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी का फैसला दिल्ली सरकार पर छोड़ा था। हाई कोर्ट की बेंच ने कहा था कि यह फैसला नियमों, नीति औऱ कानून के आधार पर दिल्ली सरकार को लेना है।

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