करतारपुर: एमओयू पर चलेगा भारत, दोनों देशों के बीच खींचतान जारी

Update:2019-11-08 17:59 IST

नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत-पाकिस्तान में खींचतान का दौर जारी है। एमओयू साइन होने के बाद भी सबकुछ सामान्य नहीं हुआ है। यही कारण है कि भारत ने पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर को लेकर रोज नए-नए दावे कर रहा है। दोनों देशों के बीच जो एमओयू साइन हुआ है, भारत उसी के अनुसार चलेगा।

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भारत का यह बयान पाकिस्तान से आ रही विरोधाभासी बयान के बाद आया है। पाकिस्तान के पीएम के बयान के अनुसार पासपोर्ट होना जरूरी नहीं है जबकि पाक सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर के अनुसार सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर कॉरिडोर का प्रयोग करने के लिए भारतीय पासपोर्ट की आवश्यकता होगी।

कॉरिडोर पर पाक पैदा कर रहा भ्रम

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने दिल्ली में कहा कि पाकिस्तान की तरफ से कॉरिडोर को लेकर लगातार भ्रम पैदा किया जा रहा है। कभी पाक कहता है कि पासपोर्ट चाहिए तो कभी कहता है कि पासपोर्ट नहीं चाहिए। हमें लगता है कि उनके विदेश कार्यालय और अन्य एजेंसियों के बीच मतभेद है। हमारे पास एमओयू है जिसे बदला नहीं जा सकता। एमओयू के अनुसार पासपोर्ट जरूरी है।

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उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके मुताबिक करतारपुर जाने वाले तीर्थयात्रियों के पास सभी दस्तावेज होना बेहद जरूरी हैं। मौजूदा एमओयू में कोई एकतरफा संशोधन नहीं किया जा सकता है। इसके लिए दोनों पक्षों के बीच सहमति होना जरूरी है।

सिद्धू को मिली जाने की अनुमति

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान जाने को लेकर रवीश कुमार ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन एक बड़ी ऐतिहासिक घटना है। किसी एक व्यक्ति को महत्व देना कहीं से भी सही नहीं है। सिद्धू ने तीसरी बार चिट्ठी लिखकर विदेश मंत्री एस जयशंकर से करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन में जाने की अनुमति मांगी है। सिद्धू की चिट्ठी पर केंद्र सरकार ने उन्हें करतारपुर कॉरिडोर उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति प्रदान कर दी है।

भिंडरावाले प्रकरण की निंदा

करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक वीडियो में खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल भिंडरावाले को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह पाकिस्तान की निंदनीय हरकत है। इससे तीर्थयात्रियों की भावना को ठेस पहुंची है।

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हमने इस मामले में पाकिस्तान से कड़ा विरोध दर्ज कराया है। प्रवक्ता ने कहा कि तीर्थयात्रा के आयोजन के दौरान किसी भी तरह के भारत विरोधी तत्वों को प्रचार-प्रसार की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।

इमरान ने की थी ये घोषणा

इससे पहले पीएम इमरान खान ने एक नवंबर को करतापुर गलियारे का निर्माण पूरा होने की ट्विटर पर घोषणा करते हुए कहा था कि उन्होंने दो शर्तों को माफ कर दिया है। इनमें से एक पासपोर्ट से जुड़ी शर्त थी जबकि दूसरी शर्त भारत से करतारपुर तीर्थयात्रा पर आने वाले सिखों द्वारा 10 दिन पहले पंजीकरण कराने से जुड़ी थी।

उन्होंने कहा था कि भारत के सिख श्रद्धालुओं को करतारपुर आने के लिए पासपोर्ट की नहीं बल्कि एक वैध पहचानपत्र की जरूरत होगी। इसके अलावा उद्घाटन समारोह के लिए आने वाले और 12 नवंबर को सिख गुरु की 550वीं जयंती के मौके पर आने वाले श्रद्धालुओं से 20 डॉलर का सेवा शुल्क भी नहीं वसूला जाएगा।

विदेशी राजनयिकों को दी जानकारी

इस बीच पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर खोले जाने का राजनयिक स्तर पर प्रचार करते हुए इस्लामाबाद स्थित विदेशी दूतावासों और उच्चायोगों के प्रमुखों और उनके प्रतिनिधियों को इस बाबत जानकारी दी है। पाक विदेश सचिव सोहेल महमूद ने पवित्र सिख गुरुद्वारे को खोलने की पाकिस्तान की पहल पर विशेष रूप से ध्यान आकर्षित कराने के लिए राजनयिकों को इस बारे में जानकारी दी।

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पाक ने इसे पीएम इमरान खान की ऐतिहासिक पहल बताया है। पाक ने कहा कि यह कदम दुनिया भर के विशेष कर भारत के सिख श्रद्धालुओं की लंबे समय से की जा रही मांग के मद्देनजर उठाया गया है।

पाक सेना ने पासपोर्ट को जरूरी बताया

इस बीच पाक सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि अब सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर कॉरिडोर का प्रयोग करने के लिए भारतीय पासपोर्ट की आवश्यकता होगी जबकि कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने घोषणा की थी कि भारतीय श्रद्धालुओं को पवित्र गुरुद्वारा दरबार साहिब आने के लिए महज एक वैध पहचानपत्र की जरूरत होगी। गफूर ने कहा कि भारतीय सिख श्रद्धालुओं को करतारपुर गलियारे का प्रयोग करने के लिए पासपोर्ट दिखाना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों से पासपोर्ट आधारित पहचान पर मिली अनुमति के तहत कानूनी तरीके से प्रवेश दिया जाएगा।

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