Social Media: ध्यान दें! बच्चों की मेंटल हेल्थ को चौपट कर रहा सोशल मीडिया
Social Media: भले ही ये रिपोर्ट अमेरिका के सर्जन जनरल ने अमेरिका के लिए जारी की है लेकिन इसे सभी जगहों के संदर्भ में देखा जा सकता है क्योंकि पूरी दुनिया में बच्चे और युवा सोशल मीडिया के शिकंजे में हैं। अमेरिकी सर्जन जनरल की एडवाइजरी ऐसे समय में आई है जब सोशल मीडिया को बच्चों और किशोरों के लिए सुरक्षित बनाने के प्रयास दुनिया भर में किये जा रहे हैं।
Social Media: सोशल मीडिया का इस्तेमाल बच्चों और किशोरों की भलाई और मानसिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। अमेरिका के सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति ने इस बात पर मुहर लगाते हुए बाकायदा एक एक नई सार्वजनिक सलाहकार चेतावनी जारी की है।
सभी के लिए सामयिक
भले ही ये रिपोर्ट अमेरिका के सर्जन जनरल ने अमेरिका के लिए जारी की है लेकिन इसे सभी जगहों के संदर्भ में देखा जा सकता है क्योंकि पूरी दुनिया में बच्चे और युवा सोशल मीडिया के शिकंजे में हैं। अमेरिकी सर्जन जनरल की एडवाइजरी ऐसे समय में आई है जब सोशल मीडिया को बच्चों और किशोरों के लिए सुरक्षित बनाने के प्रयास दुनिया भर में किये जा रहे हैं। मिसाल के लिए,यूनाइटेड किंगडम ने ऑनलाइन सेफ्टी बिल जैसे कानून को बनाया है।
तत्काल कार्रवाई की जरूरत
रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका को सुरक्षित और स्वस्थ डिजिटल वातावरण बनाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि बच्चों और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान को कम किया जा सके और उनकी सुरक्षा ही सके। सर्जन जनरल मूर्ति की सिफारिशें बाध्यकारी नहीं हैं, लेकिन वे सार्वजनिक बहस को गति दे सकती हैं और सांसदों और नियामकों को साक्ष्य प्रदान कर सकते हैं ताकि उन्हें किसी मुद्दे को संबोधित करने में मदद मिल सके।
संवेदनशील उम्र
रिपोर्ट कहती है कि मस्तिष्क के विकास की अत्यधिक संवेदनशील अवधि 10 और 19 वर्ष की आयु के बीच होती है। ध्यान देने वाली बात है कि 13 से 17 वर्ष के 95 प्रतिशत तक और 8 से 12 वर्ष के लगभग 40 प्रतिशत सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे प्लेटफार्मों का लगातार उपयोग मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकता है। भावनात्मक शिक्षा, आवेग नियंत्रण और सामाजिक व्यवहार से जुड़े क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है। मूर्ति ने पहले कहा था कि उनका मानना है कि 13 साल की उम्र भी बच्चों के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने के लिए "बहुत जल्दी" है। एडवाइजरी में कई परस्पर संबंधित नुकसानों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है, जिसमें सोशल मीडिया का योगदान हो सकता है। बताया गया है कि सोशल मीडिया पर अत्यधिक, अनुचित और हानिकारक सामग्री व्यापक रूप से सुलभ है। सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग और अवसाद और चिंता के लक्षणों के बीच एक लिंक का भी है।
बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी कि अमेरिका इस संबंध में क्या कदम उठाता है।