जानिए आखिर क्यों मनाते हैं देव दिवाली, यहां जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
वैसे तो ये त्योहार कई राज्यों में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लेकिन बनारस शहर में इस त्योहार का सबसे ज्यादा उत्साह देखने को मिलता है। देव दिवाली के दिन मां गंगा की पूजा की जाती है।
नई दिल्ली: 12 नवंबर को देशभर में देव दिवाली मनाया जाएगा। देव दिवाली दीपावली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन मनाया जाता है। वैसे तो ये त्योहार कई राज्यों में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लेकिन बनारस शहर में इस त्योहार का सबसे ज्यादा उत्साह देखने को मिलता है। देव दिवाली के दिन मां गंगा की पूजा की जाती है। इस दिन गंगा नदी के घाटों को दीए जलाकर रोशन करते हैं। जिससे गंगा के तटों का नजारा देखने ही बनता है।
क्यों मनाते हैं ये पर्व
मान्यता है कि, इस दिन भगवान शंकर ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था। जिसकी खुशी में देवताओं ने इसी दिन स्वर्ग लोक में दीप जलाकर जश्न मनाया था। देवों द्वारा मनाई गई इस दिवाली के बाद से ही हर साल इस दिन को देव दिवाली के रुप में मनाया जाता है। इस दिन पूजा का खास महत्व है।
इस त्योहार को लेकर एक और मान्यता है कि, इस दिन देवता पृथ्वी लोक पर आते हैं। इस महीने में भगवान ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि ने महापुनीत पर्वों को प्रमाणित किया है। इस वजह से कार्तिक पूर्णिमा के पूरे माह को बेहद पवित्र माना जाता है।
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इस दिन करें ये काम-
देव दिवाली के दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व है।
देव दिवाली के दिन घर में तुलसी के पौधे के सामने दीपक जलाना भी बहुत शुभ होता है।
इस दिन दीए दान करना भी काफी शुभ माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि, इस पर्व पर जो लोग पूरब की ओर मुंह करके दीए दान करते हैं, उन पर भगवान की कृपा हमेशा बनी रहती है। इसके अलावा मान्यता ये भी है कि, इस दिन जो भी दीए दान करता है उसको ईश्वर लंबी उम्र देते हैं। इसके साथ ही उनके घर में सुख शांति का माहौल हमेशा बना रहता है।
ये है शुभ मुहूर्त-
देव दिवाली का दिन- 12 नवंबर 2019
तिथि आरंभ- 11 नवंबर, शाम 06 बजकर 02 मिनट से
तिथि समाप्त- 12 नवंबर, शाम 07 बजकर 04 मिनट तक
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