160 किमी प्रति घंटे रफ्तार से चलेगी रेल, इन खास टेक्नोलॉजी का हुआ इस्तेमाल

भारतीय रेलवे अपने यात्री ट्रेनों की रफ़्तार बढ़ाने की दिशा पर तेज़ी से काम कर रही हैं। इस विषय पर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहां कि यात्री ट्रेनों की स्पीड बढ़ाकर 160 किमी प्रति घंटा की जाएगी।

Update: 2020-10-02 12:39 GMT
passenger train speed

रेल यात्रा करने वालों के लिए एक राहत भरी खबर। अब जल्द भारतीय रेल होने वाला हैं खास टेक्नोलॉजी से लैस । भारतीय रेलवे अपने यात्री ट्रेनों की रफ़्तार बढ़ाने की दिशा पर तेज़ी से काम कर रही हैं। इस विषय पर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहां कि यात्री ट्रेनों की स्पीड बढ़ाकर 160 किमी प्रति घंटा की जाएगी। इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स ने एयरोडायनेमिक डिजाइन वाला WAP-5 पैसेंजर इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव इंजन तैयार किया है।आपको बता दें, कि पहले बैच में दो इंजन तैयार किए गए हैं, 35012 और 35013 हैं।

आधुनिक इंजन

चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (CLW) का कहां है कि इसके इंजनों को इस तरह डिजाइन किया गया है, जिससे तेज रफ्तार के बावजूद एयर ड्रेग्स कम हो सके। ये PEL एनर्जी एफिसिएंट और डायनेमिक्ली स्टेबल होगा। अब दोनों लोकोमोटिव की क्षमता 6000 हॉर्सपॉवर होगी, जिसके चलते यह 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम होंगे। यही नहीं लोकोमोटिव आईजीबीटी आधारित पर्पल्सन सिस्टम से लैस होंगे। ये लोकोमोटिव इंजन प्रीमियम पैसेंजर ट्रेनों में पुश-पुल मोड पर काम करेंगे।

ड्राइवर डेस्क में बदलाव

ड्राइवरों को इस नई लोकोमोटिव इंजन को चलाने के दौरान काफी ध्‍यान कुछ धयान में रखना होगा जिसमें कई जरूरी बदलाव भी किए गए हैं। तकनीकी बदलाव करते समय ध्‍यान रखा गया है कि लोको पायलट अपनी स्किल्‍स का सही तरीके से इस्तेमाल कर सकें। इंजन में कंपोजिट कंवर्टर्स उपलब्ध कराया गया है ताकि ट्रेन के डिब्बों और पैंट्री कार में बिजली की आपूर्ति की जा सके। जिससे ट्रेनों में अतिरिक्त डीजल पॉवर जेनेरेटर कार लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ये इंजन शोर मुक्त, प्रदूषण मुक्त और पर्यावरण के अनुकूल हैं। इन इंजनों के इस्तेमाल से ऊर्जा संरक्षण भी किया जा सकेगा। यहीं नहीं इन लोकोमोटिव इंजनों के रखरखाव पर कम समय का खर्च होगा, जिससे संटिंग टाईम बचेगा।

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इन रूट्स पर चलेंगी ट्रेन

इस बात की घोषणा पहले ही हो चुकी हैं भारतीय रेलवे दिल्ली-कोलकाता और दिल्ली-मुंबई रूट्स पर ट्रेनों को 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलाया जाएगा। जल्द ही इस रूट पर रेलवे DFC भी बना रहा है, मार्च 2022 तक इसका काम पूरा हो जाएगा। बता दें कि भारतीय रेलवे पहले से ही तेजस, वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनें चला रहा है।

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