मध्य प्रदेश घमासान: शिवराज सिंह ने दिग्विजय सिंह के लिए कह दी ऐसी बात
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को देश का सबसे बड़ा ड्रामेबाज बताया। शिवराज का यह बयान उस समय आया है जब कांग्रेस नेता पार्टी के बागी के विधायकों से मिलने के लिए बंगलूरू पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें मिलने से रोक दिया।
रायसेन मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को देश का सबसे बड़ा ड्रामेबाज बताया। शिवराज का यह बयान उस समय आया है जब कांग्रेस नेता पार्टी के बागी के विधायकों से मिलने के लिए बंगलूरू पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें मिलने से रोक दिया।
शिवराज ने यहां तक कहा कि बागी विधायक दिग्विजय से सावधान हैं और उनसे मिलना नहीं चाहते है। रायसेन जिला पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि दिग्विजय सिंह देश के सबसे बड़े नौटंकीबाज हैं। उन्हें विधायकों (बागी विधायक) की अब याद आ रही हैं। जबकि वे (बागी विधायक) उनसे मिलना भी नहीं चाहते हैं। बता दें कि भाजपा के सभी विधायक रायसेन जिले में ठहरे हुए हैं।
यह पढ़ें....कोरोना वायरस: इन ब्लड ग्रुप के लोगों को ज्यादा है खतरा! रहें सावधान
शिवराज ने बागी विधायकों द्वारा जारी किए गए वीडियो का जिक्र भी किया, जिसमें कई विधायकों ने कहा कि वे दिग्विजय से मिलना नहीं चाहते हैं। कुछ विधायकों ने दिग्विजय को कांग्रेस में मौजूदा संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ सरकार टूटने की कगार पर है।
गौरतलब हो कि शिवराज ने विधानसभा में तत्काल बहुमत परीक्षण की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया, ‘‘मध्यप्रदेश को भ्रष्टाचार का गढ़ बना दिया। प्रदेश को तबाह और बर्बाद कर दिया। इस सरकार में जनता त्रस्त एवं परेशान है। और अब उनके विधायक ही कह रहे हैं कि सरकार और इनके साथ हम नहीं हैं।’’ चौहान ने दावा किया कि अब कमलनाथ अपनी सरकार को बचा नहीं सकते।
यह पढ़ें....भगवान और भक्त के बीच ‘दीवार’ बनी कोरोना, अब गंगा आरती पर भी ‘ग्रहण’
गौरतलब है कि कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए उसके प्रतिष्ठित युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी छोड़ दी और इसके बाद मध्यप्रदेश से पार्टी के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इनमें से अब छह के इस्तीफे स्वीकार किये गये हैं। इसके साथ 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है। सिंधिया 11 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए थे।