Maharashtra: NCP में बगावत के बाद महाराष्ट्र मॉनसून सत्र आज से, शरद पवार गुट ने की स्पीकर से अलग बैठने की मांग

Maharashtra Monsoon Session: इस पत्र में मांग की गई है कि विधानमंडल सत्र के दौरान अजित पवार गुट और शरद पवार गुट के विधायकों के बैठने के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाए।

Update:2023-07-17 09:21 IST
Maharashtra Monsoon Session (PHOTO: social media )

Maharashtra Monsoon Session: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में बगावत के बाद महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र की आज शुरुआत होगी। इस सत्र के काफी हंगामेदार होने की संभावना है। बैठक की शुरुआत से पूर्व एनसीपी के शरद पवार गुट की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा गया है। इस पत्र में मांग की गई है कि विधानमंडल सत्र के दौरान अजित पवार गुट और शरद पवार गुट के विधायकों के बैठने के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाए। मानसून सत्र से पहले सरकार की ओर से आयोजित चाय पार्टी का विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया।

मानसून सत्र के दौरान 24 विधेयकों को पारित किए जाने की संभावना है। सत्र की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राज्य में विपक्ष पूरी तरह गुमराह हो चुका है। विपक्ष में कोई दम नहीं रह गया है। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम विपक्ष को कम नहीं आंकेंगे।

शरद पवार और अजित खेमा आमने-सामने

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में बगावत के बाद पिछले दिनों अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। उनके साथ एनसीपी के आठ अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी। बगावत के बाद शरद पवार और अजित पवार गुट के बीच पार्टी और सिंबल पर कब्जे की जंग छिड़ गई है। बगावत करने वाली विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर स्पीकर को चिट्ठी भी लिखी गई है। दूसरी ओर अजित पवार गुट की ओर से असली एनसीपी होने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि मानसून सत्र के दौरान दोनों गुटों के बीच तीखी तकरार हो सकती है।

हालांकि अजित पवार गुट के कई विधायकों ने रविवार को शरद पवार से मुलाकात करके उनका आशीर्वाद भी मांगा था। इस मुलाकात के बाद अजित पवार गुट के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल का कहना था कि हमने शरद पवार से मार्गदर्शन मांगा है। शरद पवार ने हमारी बात को ध्यान से सुना है मगर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है।

शरद पवार गुट ने लिखी स्पीकर को चिट्ठी

इस बीच शरद पवार गुट के मुख्य सचेतक जितेंद्र आव्हाड ने सदन में बैठने की व्यवस्था के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने मांग की है कि अजित पवार खेमे के सदस्यों और पार्टी के बाकी अन्य विधायकों के बैठने के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जानी चाहिए। अब सबकी निगाहें विधानसभा अध्यक्ष की ओर से उठाए जाने वाले कदम पर टिकी हैं।

इस पत्र में शरद पवार गुट की ओर से कहा गया है कि शिंदे सरकार में शपथ लेने वाले नौ विधायकों को छोड़कर बाकी अन्य विधायक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि एनसीपी विपक्ष में है और पार्टी के विधायकों के बैठने की व्यवस्था विपक्षी बेंच में ही की जानी चाहिए।

विपक्ष ने किया चाय पार्टी का बहिष्कार

मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर सरकार की ओर से चाय पार्टी का आयोजन किया गया था मगर शिवसेना के उद्धव गुट, कांग्रेस और एनसीपी के शरद पवार गुट ने सरकार की ओर से आयोजित इस चाय पार्टी का बहिष्कार किया। उद्धव गुट के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि हमने सरकार की चाय पार्टी का बहिष्कार इसलिए किया है क्योंकि सरकार विभिन्न मोर्चों पर जन समस्याओं का समाधान करने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। विपक्षी दलों की ओर से सरकार के प्रति तीखे तेवर से साफ हो गया है कि मानसून सत्र के दौरान काफी हंगामा होगा।

दूसरी ओर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्षी दलों पर जवाबी पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल पूरी तरह भ्रमित नजर आ रहे हैं और उनकी ताकत खत्म हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य की सियासत में विपक्षी दल नजर नहीं आ रहे हैं मगर हम विपक्ष की बातों पर पूरा ध्यान देंगे। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं को भी सरकार की ओर से किए जा रहे अच्छे कामों की तारीफ करनी चाहिए।

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