Manipur Violence Update: हिंसाग्रस्त मणिपुर से बड़ी खबर, इंटरनेट पर लगा बैन जारी रहेगा, तनाव को देखते हुए लिया गया फैसला
Manipur Violence Update: राज्य के हिंसाग्रस्त इलाकों से हिंसक घटनाओं की खबरें लगातार सामने आ रही हैं।
Manipur Violence Update: पूर्वी राज्य मणिपुर में जातिगत हिंसा के कारण तनाव कायम है। राज्य के हिंसाग्रस्त इलाकों से हिंसक घटनाओं की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। महीनेभर से जारी इस हिंसा में अब तक करीब 100 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। राज्य में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए सरकार ने इंटरनेट पर लगी रोक की समयसीमा बढ़ा दी है। यानी राज्य में इंटरनेट पर बैन 15 जून के बाद भी जारी रहेगा। राज्य में सेना और पुलिस का हथियारबंद उग्रवादी समूहों के खिलाफ अभियान जारी है।
28 अप्रैल को पहली बार इंटरनेट की गई थी बंद
मणिपुर में हिंसक घटनाओं की शुरूआत चुराचांदपुर जिले से 28 अप्रैल को हुई थी। एक दिन पहले यानी 27 अप्रैल को सीएम एन बिरेन सिंह यहां एक नए जिम का उद्घाटन करने वाले थे, लेकिन इससे पहले कि वो इसका फीता काटते उपद्रवियों ने आग लगा दी। अगले दिन जिले में हिंसा भड़क गई, सुरक्षाबलों और प्रदर्शऩकारियों के बीच भीषण झड़प देखने को मिली। नतीजदन पांच जिलों में धारा-144 लागू कर इंटरनेट बंद कर दिया गया।
3 मई को आदिवासी समुदायों के छात्र संगठन ऑल ट्रायबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर ने राजधानी इंफाल में एक रैली निकाली थी। इस दौरान तोरबंग इलाके में हिंसा फैल गई। देखते ही देखते इसने राज्य के आधे से अधिक जिलों को अपने आगोश में ले लिया। राज्य के 10 आदिवासी बहुल जिलों में जबरदस्त हिंसा फैल गई। इसके बाद से मणिपुर में इंटरनेट पर प्रतिबंध का दौर जारी है।
बीजेपी विधायक की एक नई पहल
मणिपुर में हिंसा के दौरान मैतेई और कुकी दोनों समुदाय के उपद्रवियों पर पुलिस और मणिपुर रायफल्स के शस्त्रागारों भारी संख्या में हथियार लूटने के आरोप हैं। राज्य के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लूटे गए हथियारों को वापस करने की अपील कर चुके हैं, अन्यथा कड़ी कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी है। इस अपील का कुछ असर भी हुआ, मगर अभी भी काफी हथियार जमा नहीं किए गए हैं। इसे लेकर बीजेपी विधायक ने एक पहल की है।
उन्होंने राजधानी इंफाल स्थित अपने घर के बाहर एक बॉक्स रखा है। उसमें लिखा गया है कि जिन लोगों ने पुलिस से हथियार लूटे हैं, उन्हें यहां जमा कर दें। बॉक्स में आगे लिखा गया है कि यदि वे लूटे गए हथियार जमा करते हैं तो आपसे न तो किसी तरह का सवाल होगा और न ही आपकी पहचान सार्वजनिक की जाएगी।
बता दें कि बीजेपी शासित पूर्वोतर राज्य मणिपुर में हिंसा को शुरू हुए 39 दिन हो चुके हैं। लेकिन अभी तक शांति बहाल नहीं हो पाई है। राज्य की नाजुक स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने आर्टिकल 355 लागू कर सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया है। हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। 310 घायल हुए हैं और 37 हजार से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। हजारों की संख्या में मणिपुरी पड़ोसी राज्यों और दिल्ली में भी आकर शरण लिए हुए हैं।