बड़े शहरों की ओर लौटने लगे श्रमिक, यूपी-बिहार से चलने वाली ट्रेनों में सभी सीटें फुल
कोरोना से जंग जीतने के लिए घोषित लॉकडाउन के दौर में घर लौटने वाले श्रमिक एक बार फिर काम की तलाश में महानगरों की ओर लौटने लगे हैं। दिल्ली, मुंबई और गुजरात...
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: कोरोना से जंग जीतने के लिए घोषित लॉकडाउन के दौर में घर लौटने वाले श्रमिक एक बार फिर काम की तलाश में महानगरों की ओर लौटने लगे हैं। दिल्ली, मुंबई और गुजरात जाने वाली ट्रेनों में श्रमिकों की काफी भीड़ हो रही है और आगामी कई दिनों के लिए ट्रेनें पूरी तरह फुल हो चुकी हैं। यह जानकारी रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने दी। उन्होंने कहा कि ट्रेनें फुल होने से यह साफ है कि महानगरों की ओर श्रमिकों की वापसी होने लगी है।
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बढ़ाई जाएगी विशेष ट्रेनों की संख्या
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि फिलहाल रेलवे की ओर से सामान्य नियमित सेवा नहीं शुरू की गई है, लेकिन ट्रेनों में बढ़ रही भीड़ को देखते हुए विशेष ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में कोरोना की स्थिति और राज्यों की मांग को देखते हुए ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के संबंध में फैसला लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौर में मुंबई, दिल्ली और गुजरात के बड़े शहरों से अपने गांवों में लौटे प्रवासी श्रमिक एक बार फिर काम की तलाश में महानगरों की ओर रुख करने लगे हैं। यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से चलने वाली स्पेशल ट्रेनों में यात्री लगातार बढ़ रहे हैं।
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दिल्ली-मुंबई जाने वाली ट्रेनें फुल
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि दिल्ली व मुंबई को जाने वाली स्पेशल ट्रेनें तो फुल जा रही हैं मगर वापसी में ट्रेनों की अधिकांश सीटें खाली ही रह रही हैं। उन्होंने कहा कि महानगरों में प्रवासी श्रमिकों की वापसी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है और इससे अर्थव्यवस्था एक बार फिर पटरी पर आएगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जल्द ही कुछ और विशेष ट्रेनों को चलाने पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में राज्य सरकारों से बातचीत की जा रही है। राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति, राज्यों की मांग और यात्रियों की संख्या के आधार पर ट्रेनों को चलाने का फैसला किया जाएगा।
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78 ट्रेनों में शत-प्रतिशत यात्री
उन्होंने बताया कि रेलवे की ओर से चलाई जा रही 230 ट्रेनों में 78 ट्रेनों में यात्रियों की संख्या शत-प्रतिशत है जबकि 43 ट्रेनों में यह संख्या 75 से 100 फ़ीसदी तक है। 27 ट्रेन ऐसी हैं जिनमें यात्रियों की संख्या 50 से 75 फ़ीसदी तक है। उन्होंने बताया कि रेलवे की ओर से 25 जून तक 4594 श्रम के स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया है जिसमें करीब 63 लाख यात्रियों ने सफर किया।
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इन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या घटने के बाद श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की संख्या भी कर दी कम कर दी गई है। मौजूदा समय में केवल दो श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संबंध में कोई भी मांग लंबित नहीं है और यदि राज्यों की ओर से इन ट्रेनों के संचालन के संबंध में कोई मांग आएगी तो उस पर जरूर विचार किया जाएगा।
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