Chandrayaan 3 Landing Update: बस कुछ घण्टे और, चन्द्रयान 3 रचेगा इतिहास
Chandrayaan 3 Landing Update: चन्द्रयान 3 के साथ भारत का महत्वाकांक्षी चन्द्र मिशन अब कुछ ही घण्टों में इतिहास बनाने के करीब है। चन्द्रयान 3 का मून लैंडर चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की तैयारी में है।
Chandrayaan 3 Landing Update: चन्द्रयान 3 के साथ भारत का महत्वाकांक्षी चन्द्र मिशन अब कुछ ही घण्टों में इतिहास बनाने के करीब है। चन्द्रयान 3 का मून लैंडर चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की तैयारी में है।
लगभग 2 मीटर लंबा और 1,700 किलोग्राम से अधिक वजन वाला, चंद्रयान -3 लैंडर विक्रम किसी एसयूवी के आकार जैसा दिखता है। इसके डिज़ाइन में 26 किलोग्राम वजन वाले छोटे चंद्र रोवर की तैनाती क्षमता शामिल है।
बर्फ का समंदर
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को टारगेट करते हुए, चंद्रयान-3 का उद्देश्य पानी के बर्फ से समृद्ध एक क्षेत्र का पता लगाना है, जो आगामी चंद्र मिशनों या यहां तक कि एक निरंतर चंद्र चौकी के लिए ऑक्सीजन, ईंधन और पानी के महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में क्षमता रखता है। चंद्रमा पर सफल लैंडिंग से चंद्रयान-3 को दो सप्ताह की अनुमानित परिचालन अवधि मिलेगी, जिसके दौरान यह चंद्र सतह पर स्पेक्ट्रोमीटर का इस्तेमाल करके खनिज संरचना विश्लेषण सहित कई प्रयोगों का संचालन करेगा।
23 अगस्त की शाम
23 अगस्त की शाम को अपने मिशन के आखिरी 15 मिनट के दौरान, चंद्रयान -3 के विक्रम लैंडर को एक महत्वपूर्ण तकनीकी युद्धाभ्यास को अंजाम देने की जरूरत होगी। इस पैंतरेबाज़ी में तेज रफ्तार वाली हॉरिजोंटल पोजीशन स्थिति से वर्टीकल पोजीशन में हो जाना शामिल है। ये चंद्र सतह पर एक स्मूथ और और नियंत्रित लैंडिंग को सक्षम करने के लिए जरूरी है।
Chandrayaan-3 Mission:
‘Welcome, buddy!’
Ch-2 orbiter formally welcomed Ch-3 LM.
Two-way communication between the two is established.
MOX has now more routes to reach the LM.
Update: Live telecast of Landing event begins at 17:20 Hrs. IST.#Chandrayaan_3 #Ch3— ISRO (@isro) August 21, 2023
फाइनल लम्हों में क्या क्या होगा
- अभी विक्रम लैंडर एक लेटी हुई पोजीशन में चन्द्रमा का चक्कर लगा रहा है। चन्द्रमा पर उतरने के लिए उसे खड़ी पोजीशन में लाना होगा।
- विक्रम लैंडर को चन्द्र सतह पर उतरने के लिए सीधी पोजीशन में आने के अलावा चन्द्रमा का चक्कर लगाना बन्द करना होगा।
- लैंडर जब सीधी यानी खड़ी पोजीशन में आ जायेगा तब उसे धीरेधीरे चन्द्र सतह पर उतरना है।
- रफ्तार धीमी होने पर ही लैंडर आराम से चन्द्र सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर पायेगा। सॉफ्ट लैंडिंग का उलट होता है क्रैश लैंडिंग जो किसी भी कीमत में नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे यान को बहुत नुकसान हो सकता है।
- 20 अगस्त को अंतिम डीबूस्टिंग प्रक्रिया पूरी की गई थी जिसने चंद्रमा के चारों ओर चंद्रयान -3 लैंडर की कक्षा को प्रभावी ढंग से 25 x 134 किमी तक कम कर दिया।
- अब पूरा ध्यान 23 अगस्त की शाम के लिए निर्धारित अंतिम लैंडिंग चरण पर केंद्रित है। अंतिम 20 मिनट बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसी पर चन्द्रयान 3 की समग्र सफलता टिकी हुई है। इसरो का नियंत्रण कक्ष पूरी तरह से मुस्तैद है।