अकेले मुंबई में 29 राज्यों से ज्यादा कोरोना केस, मौत के मामले में 30 प्रदेशों से आगे
देश में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र में दिख रहा है और महाराष्ट्र में भी मुंबई कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है।
नई दिल्ली: देश में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र में दिख रहा है और महाराष्ट्र में भी मुंबई कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। महाराष्ट्र में कोरोना से प्रभावित मरीजों की संख्या करीब 57000 तक पहुंच गई है और इनमें करीब 35000 मामले अकेले मुंबई में है। हालत यह हो गई है कि देश के 29 राज्यों को मिलाकर भी कोरोना के उतने मरीज नहीं हैं जितने अकेले मुंबई में है।
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देश के 29 राज्यों में कोरोना के कुल 33092 मामले सामने आ चुके हैं जबकि अकेले मुंबई में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या इससे ज्यादा है। यदि मौतों की बात की जाए तो देश के 30 राज्यों में कुल 1087 मौतें हुई हैं जबकि अकेले मुंबई में इन 30 राज्यों से ज्यादा 1097 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं। इन आंकड़ों से मुंबई में कोरोना की भयावहता को समझा जा सकता है।
तेजी से बढ़े कोरोना के मामले
देश में कोरोना के संक्रमण के मामलों में मई महीने के दौरान काफी तेजी दर्ज की गई है। लॉकडाउव के दौरान रियायतें बढ़ने के साथ ही कोरोना मरीजों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। 30 अप्रैल तक देश में कोरोना के 33610 मामले थे। अगर 27 मई तक के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इसमें 371 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और ये मामले बढ़कर एक लाख 58 हजार 333 के आंकड़े पर पहुंच गए।
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मई में केसों की रफ्तार में भारी तेजी
अगर मुंबई की बात की जाए तो मई महीने के दौरान देश के मुकाबले मुंबई में कोरोना के केसों की रफ्तार 10 फ़ीसदी से ज्यादा रही। मुंबई में 30 अप्रैल तक कोरोना के 8061 मामले सामने आए थे जबकि 27 मई तक इनकी संख्या बढ़कर 34018 तक पहुंच गई। जानकारों का कहना है कि मुंबई में 30 अप्रैल के बाद कोरोना के मामलों में 382 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई। जहां तक महाराष्ट्र का सवाल है तो मरीजों की संख्या में 442 फीसदी से ज़्यादा की वृद्धि हुई।
मुंबई में इन कारणों से आई तेजी
जानकारों का कहना है कि मुंबई में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलने के पीछे एक प्रमुख कारण यह है कि यह दुनिया की सबसे घनी आबादी वाला शहर है। यहां 600 स्क्वायर किलोमीटर में करीब डेढ़ करोड़ की आबादी रहती है यानी कि हर एक किलोमीटर के दायरे में 32000 से अधिक लोग रहते हैं। एक और कारण यह बताया जा रहा है कि मुंबई में विदेशियों का आना-जाना काफी ज्यादा होता है। इसके साथ ही मुंबई के लोग भी दूसरे देशों की ज्यादा यात्राएं करते हैं। माना जा रहा है कि इस कारण भी कोरोना का संक्रमण यहां तेजी से फैला।
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यहां कोरोना के केस बढ़ने का एक और बड़ा कारण यह बताया जा रहा है कि 17 मार्च को आंशिक लॉकडाउन के बाद भी यहां लोकल ट्रेनें और बसें चलती रहे। भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेनों और बसों के जरिए कोरोना का संक्रमण विभिन्न इलाकों में तेजी से फैला। हालांकि बाद में 23 मार्च से यहां लोकल ट्रेनों और बसों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई। जानकारों का कहना है कि तब तक कई इलाकों में कोरोना का संक्रमण फैल चुका था।
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