NRC: यहां तैयार हो रहा देश का सबसे बड़ा डिटेंशन सेंटर, रखे जाएंगे 19 लाख घुसपैठिए

नागरिकता संशोधन कानून CAA और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर NRC को लेकर केंद्र सरकार पर विपक्ष के हमलों के बीच डिटेंशन सेंटर का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आया है।

Update: 2019-12-24 15:12 GMT

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून CAA और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर NRC को लेकर केंद्र सरकार पर विपक्ष के हमलों के बीच डिटेंशन सेंटर का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आया है।

अवैध घुसपैठियों के अलग अलग देशों में अलग अलग नियम हैं। कहीं ये अवधि लंबी होती है तो कहीं कम। मोटेतौर पर ये डिटेंशन उन अवैध घुसपैठयों को उनके देश वापस भेजे जाने की प्रक्रिया पूरी होने तक होता है।

केंद्र ने राज्य सरकारों से कम से कम एक डिटेंशन सेंटर बनाने को कहा है, कई राज्यों में ये सेंटर बन चुके हैं तो कई जगह पूरे होने की प्रक्रिया में हैं। भारत में CAA को लेकर हुए देशव्यापी विरोध के बाद डिटेशन सेंटर का नाम एक बार फिर चर्चा में है।

कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों का सरकार पर आरोप है कि सरकार अवैध घुसपैठियों को डिटेंशन सेंटर में डाल देना चाहती है। जबकि इस मामले में मजे की बात ये है कि असम में इस तरह का पहला कैम्प कांग्रेस सरकार ने 2012 में खोला था।

असम में नागरिकता का मुद्दा उतना ही पुराना है जितना घुसपैठियों का। इन घुसपैठियों का इस्तेमाल राजनीतिक पार्टियां चुनाव में वोटों की राजनीति में करती रही हैं।

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डिटेंशन सेंटर क्या होते हैं

डिटेंशन सेंटर उस स्थान को कहते हैं जहां अवैध घुसपैठियों को रखा जाता है। यानी ये ऐसे लोगों को रखने की जगह होती है जो बिना किसी वैध दस्तावेज के देश में घुसे होते हैं।

इन घुसपैठियों को अधिकारियों द्वारा चिह्नित किये जाने के बाद से उन की नागरिकता पता चलने और उनको उनके देश वापस भेजे जाने तक वहां रखा जाता है।

असम डिटेंशन कैम्प अवैध घुसपैठियों को रखने के लिए कई डिटेंशन सेंटर का समूह है। असम में दस सेंटर्स बनाया जाना प्रस्तावित है। एनआरसी की फाइनल सूची से बड़ी संख्या में लोगों के बाहर होने के बाद कई डिटेंशन सेंटर प्रस्तावित हैं या निर्मित हो चुके हैं।

केंद्र ने राज्यों से कम से कम एक डिटेंशन सेंटर बनाने को कहा है ताकि जेल के बंदियों के साथ अवैध घुसपैठिये बंद न किये जाएं। सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के अनुसार अवैध घुसपैठियों को कुछ सुविधाओं के साथ तीन वर्ष के लिए इन सेंटरों में रखा जा सकता है इसके बाद वह जमानत पाने के अधिकारी होंगे।

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एनआरसी से बाहर होने वाले लोगों को रखा जाएगा

ये डिटेंशन सेंटर एनआरसी से बाहर होने वाले लोगों को उनके घर वापस भेजे जाने तक रखने का स्थान होंगे। असम में अवैध घुसपैठियों के रूप में नागरिकों की सूची से 19 लाख से अधिक लोग बाहर हैं। इन लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने में विफल रहने पर इन केंद्रों में जाना होगा।

हालांकि पूर्व में कांग्रेस सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर 2012 में असम में गोलपारा, कोकराझार और सिलचर जिला जेलों में तीन डिटेंशन सेंटर बनाए थे और बाद में तेजपुर, डिब्रूगढ़ और जोरहाट जिला जेलों में तीन और केंद्र बनाए गए थे। इन सभी केंद्रों के कुल क्षमता एक हजार लोगों की है और इस समय इनमें क्षमता से अधिक लोग रखे गए हैं।

असम के गोलपारा में नया डिटेंशन सेंटर पूरा होने की प्रक्रिया में है। यह सेंटर सात एकड़ में फैला हुआ है। इसके अलावा कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी डिटेंशन सेंटर निर्माणाधीन हैं।

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