बुजुर्ग दम्पत्ति को अस्पताल से भगाया, भीख मांगने को मजबूर दोनों
ऐसे में जब ये गरीब दंपत्ति अस्पताल में इलाज के लिए गए तो डॉक्टर्स ने इन्हें कोरोना होने के डर के चलते भर्ती करने से मना कर दिया।;
लॉकडाउन और कोरोना वायरस के चलते आये दिन ऐसी तस्वीरें और ख़बरें सामने आ रही आ रहीं हैं जो अन्दर तक आपको हिला कर रख देंगी। देश के किसी न किसी कोने ऐसी झकझोर देने वाली खबर सामने आ ही जाती है। वैसे भी इस लॉकडाउन कि सबसे ज्यादा मार गरीब आदमी पर पड़ी है। फिर चाहे वो प्रवासी मजदूर हो या अपने ही राज्य में रहने वाला दिहाड़ी मजदूर। अब ऎसी ही एक खबर राजस्थान के भरतपुर से सामने आ रही है। यहां एक बुजुर्ग दम्पत्ति रोटी तक मोहताज हैं। जिसमें बुजुर्ग आदमी कई बीमारियों ग्रसित भी है। ऐसे में जब ये गरीब दंपत्ति अस्पताल में इलाज के लिए गए तो डॉक्टर्स ने इन्हें कोरोना होने के डर के चलते भर्ती करने से मना कर दिया।
डॉक्टर्स ने कोरोना के डर से अस्पताल से भगा दिया
राजस्थान के भरतपुर के ये बुजुर्ग जिस हालत में हैं खुदा न करे कोई भी उस हालत में जाये। लेकिन ऎसी हालत में भी धरती पर भगवान का रूप माने जाने वाले इन डॉक्टर्स को इस दंपत्ति कि दशा पर तरस नहीं आया। इन बुजुर्ग दंपत्ति को दो वख्त का खाना नसीब होना तक मुश्किल है। बुजुर्ग महिला मजदूरी कर अपना, पति और बेटे का पेट भरती थी। ऐसे में बुजुर्ग शख्स की आंखों की रोशनी जा चुकी है और वो कई बीमारियों से ग्रस्त हैं। ऐसे में ये दंपत्ति अब भीख मांगने को मजबूर हैं।
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ऐसे में जब ये बुजुर्ग दंपती बुजुर्ग आदमी के इलाज के लिए अस्पताल गए तो उन्हें डॉक्टरों ने यह कह कर भगा दिया कि अगर यहां भर्ती हुए तो कोरोना हो जाएगा। ये वो डॉक्टर्स हैं जिन्हें धरती पर भगवान या खुदा का रोप्प का कहा जाता है। लेकिन इन धरती पर रहने वाले भगवानों को इन बुजुर्ग गरीब दंपत्ति पर कतई तरस नहीं आया। और कोरोना का हवाला देकर उन्हें अस्पताल से भगा दिया। बुजुर्ग महिला का नाम मछला देवी है जबकि पीड़ित पति का नाम रामवीर है।
प्रशासन ने दिया अस्वासन
बुजुर्ग महिला अपने पति के साथ आए दिन सड़कों पर चलती नजर आती हैं और राहगीर जो खाना-पानी दे देते हैं उसी से अपना पेट भरती हैं। वहीं बुजुर्ग दंपति को लेकर भरतपुर के जिला कलेक्टर राजेश गोयल ने कहा, एक बुजुर्ग दंपति का मामला सामने आया है। वद्ध महिला का पति देख नहीं सकता जबकि पुत्र मानसिक रोगी है।
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जिलाधिकारी ने कहा, प्रशासन इनके खाने का इंतजाम करेगा साथ ही उनकी वृद्धावस्था पेंशन की भी जांच की जाएगी। दिक्कतों को दूर कर उन्हें फिर से पेंशन दी जाएगी। अधिकारी ने बताया कि अन्य सामाजिक योजनाओं से भी उन्हें फायदा पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। बता दें कि वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिलने के कारण यह दंपति दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।