भारत-पाकिस्तान का सामना! ये देख हो जाएगी इमरान की हालत खराब

भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत ही तनाव भी बना हुआ है। लेकिन इन सबके बावजूद भी आपको बता दें कि दोनों देशों की सेनाएं एक साथ ही संयुक्त युद्धाभ्यास करेंगी। दोनों देशों यानी भारत और पाकिस्तान की सेनाएं चार देशों के संयुक्त युद्धाभ्यास में शामिल होंगी।

Update:2023-03-30 01:32 IST
पाकिस्तान-भारत का सामना! ये देख हो जाएगी इमरान की हालत खराब

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से वैसे तो पाकिस्तान बेहद परेशान है। इसी के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत ही तनाव भी बना हुआ है। लेकिन इन सबके बावजूद भी आपको बता दें कि दोनों देशों की सेनाएं एक साथ ही संयुक्त युद्धाभ्यास करेंगी। दोनों देशों यानी भारत और पाकिस्तान की सेनाएं चार देशों के संयुक्त युद्धाभ्यास में शामिल होंगी। भारत और पाकिस्तान के साथ ही चीन और रूस की सेनाएं भी इस युद्धाभ्यास का हिस्सा होंगी।

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संयुक्त युद्धाभ्यास

जानकारी के लिए बता दें कि सैन्य युद्धाभ्यास अगले हफ्ते से रूस में शुरू हो रहा है। इस साल बालाकोट में भारतीय वायुसेना की तरफ से किए गए एयर स्ट्राइक के बाद ये पहला मौका होगा, जब दोनों देशों की सेनाएं किसी बहुदेशीय युद्धाभ्यास में शामिल होंगी। इससे पहले दोनों देश रूस में आयोजित संघाई सहयोग संगठन की बैठक में मिले थे।

रूस में शुरू होने वाला ये युद्धाभ्यास 9-23 सितंबर तक दो हफ्ते तक चलेगा। इस युद्धाभ्यास को टीएसईएनटीआर 2019 नाम दिया गया है। भारतीय सेना की तरफ से गुरूवार को यह भी बताया गया कि यह युद्धाभ्यास रूसी सैन्य बल के वार्षिक प्रशिक्षण चक्र के व्यापक पैमाने पर होने वाले वार्षिक सीरिज का हिस्सा है। यह अभ्यास रूस की चार मुख्य रणनीतिक कमान के जरिये संचालित होगा।

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ये करेंगे इसे संचालित

आपको बता दें कि रूस की तरफ से हर साल यह बड़ा सैन्य अभ्यास उसकी एक कमान की तरफ से आयोजित किया जाता है। पूर्व में वोस्तोक, पश्चिम में जापड, मध्य में टीएसईएनटीआर और दक्षिण में कावकास इसे संचालित करता है। इस साल यह ओरेनबर्ग के डोनगुज ट्रेनिंग रेंज में होगा।

भारतीय सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा कि इस संयुक्त युद्धाभ्यास में विभिन्न देश शामिल होते हैं। जेडएपीएडी- 2017 में बेलारूस ने हिस्सा लिया था। वीओएसटीओके-2018 में चीन और मंगोलिया शामिल हुए थे।

साथ ही उन्होंने कहा कि इस बार के युद्धाभ्यास में शामिल होने वाले देशों की संख्या को बढ़ाकर 9 कर दिया गया है। इसमें कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान भी हिस्सा लेंगे।

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सेना प्रवक्ता कर्नल आनंद ने कहा कि इस संयुक्त युद्धाभ्यास का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए ट्रेनिंग करने और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मध्य एशिया क्षेत्र में सैन्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस साल युद्धाभ्यास में सेनाओं की तैयारी के स्तर और कौशल का मूल्यांकन किया जाएगा।

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