Bengaluru News: बेंगलुरु में हिंदू नाम से रह रहा एक और पाकिस्तानी परिवार मिला

Bengaluru News: 3 अक्टूबर की रात को पीन्या में अंदराहल्ली मेन रोड के पास किराए के घर से 51 वर्षीय सैयद तारिक, उसकी पत्नी 48 वर्षीय अनिला तारिक और 13 वर्षीय बेटी को गिरफ्तार किया।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2024-10-04 16:37 IST

Pakistani Family Caught In Bengaluru:

Pakistani Family Caught In Bengaluru: बेंगलुरु शहर में हिंदू नाम से रह रहे एक और पाकिस्तानी परिवार को गिरफ्तार किया गया है।जिगानी पुलिस ने 3 अक्टूबर की रात को पीन्या में अंदराहल्ली मेन रोड के पास किराए के घर से 51 वर्षीय सैयद तारिक, उसकी पत्नी 48 वर्षीय अनिला तारिक और 13 वर्षीय बेटी को गिरफ्तार किया।पुलिस ने बताया कि तारिक के पास आधार कार्ड था, जिसमें उसका नाम चौहान लिखा है।उसकी पत्नी के आधार कार्ड में उसका नाम दीपाली चौहान लिखा था। पुलिस जांच में पता चला कि यह परिवार 2014 में चार अन्य पाकिस्तानियों के साथ अवैध रूप से भारत में घुस आया था, जिन्हें 30 सितंबर को जिगानी में गिरफ्तार किया गया था। उन चारों पाकिस्तानियों ने पुलिस को पीन्या में तीन सदस्यों वाले परिवार तक पहुंचाया था।
अब जो परिवार पकड़ा गया है वह 2015 में कोच्चि जाने से पहले चार महीने तक दावणगेरे में रहा। 2019 वे बेंगलुरु चले गए और तब से पीन्या में रह रहे थे।

पुलिस का मानना ​​है कि तीन सदस्यों वाले परिवार को लंदन स्थित "मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल" से वित्तीय सहायता मिली थी। मेहदी फाउंडेशन की स्थापना 1980 में रा रियाज़ गौहर शाही ने की थी, जिन्होंने दावा किया था कि वे मेहदी हैं। इस्लाम में मेहदी को एक मसीहा बताया गया है जो कयामत के समय प्रकट होगा। संगठन अपनी वेबसाइट के अनुसार "ईश्वरीय प्रेम का उपदेश देता है और उसका अभ्यास करता है तथा खुद को किसी भी धर्म से नहीं जोड़ता है।"पुलिस ने पाया है कि पीन्या परिवार को मेहदी फाउंडेशन से 30 सितंबर को गिरफ्तार किए गए लोगों से ज़्यादा धनराशि मिली थी। इस परिवार के बैंक लेन-देन की जांच की जा रही है और इस बात पर ध्यान केंद्रित है कि पैसे का इस्तेमाल कैसे किया गया।

मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल है क्या?

मेहदी फाउंडेशन, जिसे मसीहा फाउंडेशन के नाम से भी जाना जाता है, की शुरुआत पाकिस्तान में 1970 के दशक में हुई थी। पहले इसे इसके संस्थापक के नाम पर रियाज़ गौहर शाही इंटरनेशनल कहा जाता था। रियाज़ अहमद गौहर शाही एक पाकिस्तानी आध्यात्मिक नेता था। 2002 में इसे औपचारिक रूप से मेहदी फाउंडेशन नाम दिया गया। यह संगठन अंतरधार्मिक शांति, सद्भाव, धर्म से परे मानवता और सूफी परंपराओं का प्रचार करता है।

एमएफआई के अध्यक्ष और यूनाइटेड किंगडम में शरण लेने वाले पाकिस्तानी नागरिक अमजद गौहर के अनुसार, परवेज मुशर्रफ के पाकिस्तान के राष्ट्रपति बनने के बाद मेहदी फाउंडेशन के सदस्यों के खिलाफ सैकड़ों ईशनिंदा के मामले दर्ज किए गए और कई मार दिए गए।

पाकिस्तान सरकार ने गौहर शाही द्वारा लिखी गई किताबों पर प्रतिबंध लगा दिया और आतंकवाद विरोधी कानून के तहत एमएफआई को गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया।गौहर अमजद के अनुसार पाकिस्तान में उसके खिलाफ एक दर्जन से ज़्यादा मामले दर्ज हैं। मेहदी फाउंडेशन के कुछ नेताओं को ईशनिंदा के मामलों में दोषी ठहराया गया है, जिसमें उन्हें 99 साल की जेल और यहां तक ​​कि मौत की सज़ा भी मिली है।

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