Delhi News: पाकिस्तानी शरणार्थियों ने कांग्रेस मुख्यालय के बाहर किया प्रदर्शन, जानें पूरा मामला
Delhi News: पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों ने दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई है, भीड़ ने बैरिकेड़ तोड़ दिए हैं।
Delhi News: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर विपक्ष की बयानबाजी से नाराज हुए पाकिस्तान (Pakistani Refugees) और अफगानिस्तान (Afghanistan Refugees) से आए शरणार्थियों ने आज यानि शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय (Congress Headquarter) के के बाहर जमकर प्रदर्शन (Protest) किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई है, भीड़ ने बैरिकेड़ तोड़ दिए हैं। बता दें कि इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तानी और अफगानिस्तानी हिंदू शरणार्थियों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में महिला-पुरूषों के साथ बच्चे भी नजर आए थे।
शऱणार्थियों के पदर्शन पर भड़के केजरीवाल
पाकिस्तानी और अफगानिस्तानी शरणार्थियों के प्रदर्शन के बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरवाल का बयान सामने आया है, उन्होने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि इन पाकिस्तानियों की हिम्मत? पहले हमारे देश में ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से घुसपैठ की, हमारे देश का क़ानून तोड़ा। इन्हें जेल में होना चाहिए था। इनकी इतनी हिम्मत हो गयी कि हमारे देश में प्रदर्शन कर रहे हैं, हुडदंग कर रहे हैं? CAA आने के बाद पूरे देश में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी फैल जाएँगे और लोगों को परेशान करेंगे। बीजेपी इन्हें अपना वोट बैंक बनाने के स्वार्थ में पूरे देश को परेशानी में धकेल रही है।
क्या कहा था सीएम केजरीवाल ने
बता दें कि देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का कानून लागू होने के बाद विपक्ष के तमाम नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं। दिल्ली सीएम केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने सीएए (CAA) पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि इस कानून के लागू होने के बाद 1947 से भी बड़ा माइग्रेशन होगा। उन्होंने कहा था इस कानून के लागू होने से पाकिस्तान के लोग भारत आएंगे, ये कितना सुरक्षित होगा। चोरी, बलात्कार, डकैती और दंगे बढ़ेंगे। अगर आपके घर के पास पाकिस्तान, बांग्लादेश से लोग आकर झुग्गी बनाकर रहने लगें तो क्या आप पसंद करोगे?
केजरीवाल ने आगे कहा था कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में लगभग 2.5 से तीन करोड़ अल्पसंख्यक रहते हैं। एक बार भारत अपने दरवाजे खोल देगा तो इन देशों से बड़े पैमाने पर लोग भारत आएंगे। क्या हम इन शरणार्थियों को रोजगार देंगे? ऐसा क्यों किया जा रहा है? कुछ लोगों का कहना है कि ये वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है।