किसानों के 6000 गए: सरकार वापस ले रही योजना की रकम, सख्ती से होगी कार्रवाई

पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत देशभर में उत्तर से लेकर दक्षिण तक धड़ल्ले से भ्रष्टाचार चल रहा है। ऐसे में चाहे वो तमिलनाडू हो, या फिर पंजाब या यूपी का बाराबंकी और मिर्जापुर।

Update:2020-10-13 17:33 IST
पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत देशभर में उत्तर से लेकर दक्षिण तक धड़ल्ले से भ्रष्टाचार चल रहा है। ऐसे में चाहे वो तमिलनाडू हो, या फिर पंजाब या यूपी का बाराबंकी और मिर्जापुर।

नई दिल्ली। पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत देशभर में उत्तर से लेकर दक्षिण तक धड़ल्ले से भ्रष्टाचार चल रहा है। ऐसे में चाहे वो तमिलनाडू हो, या फिर पंजाब या यूपी का बाराबंकी और मिर्जापुर। इस योजना को लेकर भ्रष्टाचारियों ने पीएम मोदी की सबसे बड़ी किसान योजना को भी नहीं छोड़ा है। इस तरह तेजी से फैल रहे भ्रष्टाचार को देखते हुए सरकार अब योजनाओं को लेकर काफी सख्त हो गई है।

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सरकार ने अब महत्वपू्र्ण फैसला लिया

भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाते हुए सरकार ने अब महत्वपू्र्ण फैसला लिया है। इसमें जिन लोगों ने गलत तरीके से पैसा ले लिया है उन्हें वह रकम वापस करने को कहा जाएगा। अगर ऐसा नहीं किया तो सरकारी पैसे की रिकवरी के लिए कृषि विभाग एफआईआर दर्ज करवाएगा।

बता दें, पिछले माह सितंबर में ही पता चला कि उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में भारी-भरकम घोटाला हुआ है। जिसमें ढाई लाख अपात्रों (Ineligible Beneficiaries) को पैसा मिल गया है।

फोटो-सोशल मीडिया

ऐसे में प्रशासन ने धनराशि वापसी का अभियान शुरू किया है। बाराबंकी की तरह ही सितंबर में ही गाजीपुर में इसी तरह का मामला सामने आया था। इसमें बताया गया है कि यहां भी 1.5 लाख फर्जी किसानों (Farmers) 1.5 लाख के नाम डिलीट किए गए हैं। और वेरीफिकेशन करवाकर अपात्रों से रिकवरी की कोशिश जारी है।

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34 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई

दक्षिण की बात करें तो तमिलनाडु में तो इस स्कीम में घोटाले को लेकर देश की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। सूत्रों के मुताबिक 96 कांट्रैक्ट कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं हैं। 34 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। 13 जिलों में एफआईआर दर्ज करके 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

ऐसे में अब ये तय मानिए कि अगर आपने गलत तरीके से लाभ लिया है तो किसी भी सूरत में उसे सरकारी खजाने में वापस करना ही होगा। कोई उस पैसे को पचा नहीं सकता।

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लाभार्थियों को पैसे रिफंड करने में मदद करें

केंद्रीय कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) पहले ही राज्यों को पत्र लिखकर कह चुका है कि अगर अपात्र को पैसे मिलने की सूचना मिलती है तो उनका पैसा कैसे वापस होगा। ऐसे लोगों को पैसा डीबीटी (Direct Benefit Transfer) से गया है और डीबीटी से ही वापस लिया जाएगा।

सूत्रों से मिली जानकारी में सामने आया है कि ऐसे लाभार्थी अपने बैंक को ट्रांजैक्शन वापस करने की अर्जी दें। बैंक इस पैसे को अलग अकाउंट में डाले और सरकार को वापस करे। राज्य सरकारें लाभार्थियों को पैसे रिफंड करने में मदद करें। राज्य अपात्रों से पैसे वापस लेकर https://bharatkosh.gov.in/ में जमा कराएं।

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